स्वामी यतिंद्रानंद महाराज ने मुख्यमंत्री के बयान को बताया साहसिक, कहा- UCC का विरोध करने वाले देशद्रोही

Edited By Mamta Yadav,Updated: 01 Aug, 2023 03:24 PM

swami yatindranand maharaj told the chief minister s statement as bold

जूना अखाड़ा के महामंडलेश्वर स्वामी यतिंद्रानंद जी महाराज ने मीडिया से बातचीत करते हुए यूसीसी का विरोध करने वालों को देशद्रोही बताया। साथ ही उन्होंने कहा कि देश के मुसलमानों को ज्ञानवापी को काशी विश्वनाथ शिवजी का धाम स्वीकार करते हुए भारत में एकता और...

Meerut News, (आदिल रहमान): जूना अखाड़ा के महामंडलेश्वर स्वामी यतिंद्रानंद जी महाराज ने मीडिया से बातचीत करते हुए यूसीसी का विरोध करने वालों को देशद्रोही बताया। साथ ही उन्होंने कहा कि देश के मुसलमानों को ज्ञानवापी को काशी विश्वनाथ शिवजी का धाम स्वीकार करते हुए भारत में एकता और अखंडता का परिचय देना चाहिए। इतना ही नहीं धार्मिक यात्राओं में उपद्रव करने वालों को गोली मारने की सजा देने की बात भी कही है।
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मेरठ पहुंचे महामंडलेश्वर यतिंद्रानंद जी ने कहा कि देश के अंदर धार्मिक यात्राओं पर पथराव होता है। सीधी बात है कि इन यात्राओं पर हमला करने वाले कौन लोग हैं। चाहे बरेली की कांवड़ यात्रा हो या हरियाणा के नूह की यात्रा हो करने वाला एक ही पक्ष है। उन्होंने कहा कि इससे पहले भी रामजयंती के जुलूस में पथराव हुआ था और पथराव करने वाला एक ग्रुप है। जब तक मुंहतोड़ जवाब नहीं दिया जाएगा और पथराव करने वालों को देखते ही गोली मारनी चाहिए। ऐसा कठोर कानून इन उपद्रवियों के लिए नहीं बनेगा, तब तक ये पथराव बाजी बंद नहीं होगी। दिल्ली के नागलोई में अपने आप पथराव कर रहे हैं फिर हिंदुओं और पुलिस पर पथराव कर रहे हैं। पत्थरबाजी ये देश में बहुत बड़ी साजिश है। कभी कश्मीर में होती थी। पत्थरबाजी का एक ही इलाज है कि पत्थर आता है तो जवाब में हमारी पुलिस और सेना की गोली जानी चाहिए। जिस दिन गोली जानी शुरू हो जाएगी ये पत्थरबाजी बंद हो जाएगी।
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वहीं सीएम योगी के बयान पर उन्होंने कहा कि योगी आदित्यनाथ जी ने निसंदेह साहसिक सत्य को बोला है। ये आंदोलन लंबे समय से चल रहा है। योगी जी के गुरु महंत अवैद्यनाथ जी सहित उस समय के महापुरुषों ने भी भारत के मुस्लिम समाज से अपील की थी कि अयोध्या, मथुरा और बाबा विश्वनाथ ये सनातन हिंदू संस्कृति के आस्था, श्रद्धा के केंद्र हैं। इतिहास इस बात का साक्षी है कि आक्रमणकारियों, विधर्मियों ने इन मंदिरों को तोड़ा और वहां पर मस्जिद बनाईं। इस्लाम इस प्रकार की मस्जिद को कुबूल नहीं करता। इस्लाम स्वयं कहता है कि जबरन कब्जाई, अवैध स्थान पर अगर मस्जिद है तो अल्लाह वहां की नमाज को कुबूल नहीं करता।
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मुसलमानों के विद्वान आगे आकर भगवान विश्वनाथ के मंदिर को स्थापित करने में मदद करें
स्वामी जी ने आगे कहा कि भारत में रिकार्डेड 30000 ऐसे स्थान हैं जो पहले सनातन हिंदू धर्म के आस्था के केंद्र थे, मंदिर थे उनको तोड़कर मस्जिद बनाई गई। हम उन पर दावा छोड़ दें लेकिन इस्लाम ने उनके धर्मगुरुओं ने स्वीकार नहीं किया। नतीजा क्या रहा कि भारत के सर्वोच्च न्यायालय ने अयोध्या का मैटर साक्ष्यों के आधार पर तय किया। काशी विश्वनाथ ज्ञानवापी शब्द ही अपने आप में सूचक है कि मस्जिद नहीं हैं। वहां की एक एक ईंट, कोना गवाही देता है कि वहां बाबा विश्वनाथ का मंदिर था। ये दावा छोड़ दें क्योंकि इनके दावे में दम नहीं हैं। कोर्ट तो फैसला देगा ही। अब तो वहां शंकर जी भी मिल गए हैं। मुसलमानों के विद्वान आगे आकर भगवान विश्वनाथ के मंदिर को स्थापित करने में मदद करते हैं तो भारत की एकता को और बढ़ाएगा। इस्लाम के धर्मगुरुओं को इस पर मंथन करना चाहिए।

न्याय, कानून सबके लिए समान होना चाहिए
वहीं यूसीसी के विरोध पर उन्होंने कहा कि ये विरोध संविधान निर्माता डॉ. भीमराव अंबेडकर की मूल भावना का सरासर अपमान है। उन्होंने कहा कि न्याय, कानून सबके लिए समान होना चाहिए। ये पूरे विश्व में लागू होता है केवल भारत में ही नहीं। उन्होंने कहा कि एक परिवार में चार बालक हैं तो चारों पर समान कानून लागू होते हैं। जो समान नागरिक कानून का विरोध करते हैं वो अलगाववादी हैं, विभाजनकारी है और वो देश को बांटना चाहते हैं। इसलिए एक देश एक कानून देश में लागू होना चाहिए और वो लागू होकर रहेगा ।

 

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