Edited By Ruby,Updated: 01 Jun, 2018 06:09 PM
यूपी पुलिस यूं तो अपने कारनामों के चलते हमेशा ही सुर्खियां बटोरती है, लेकिन आज के मामले के कारण यूपी पुलिस की काफी किरकिरी हो रही है। दरअसल प्रदेश के श्रावस्ती में 2 पक्षों के वाद विवाद में 3 वर्ष के मासूम को गुंडा एक्ट के तहत मुजरिम बन जाने का...
श्रावस्तीः- यूपी पुलिस यूं तो अपने कारनामों के चलते हमेशा ही सुर्खियां बटोरती है, लेकिन आज के मामले के कारण यूपी पुलिस की काफी किरकिरी हो रही है। दरअसल प्रदेश के श्रावस्ती में 2 पक्षों के वाद विवाद में 3 वर्ष के मासूम को गुंडा एक्ट के तहत मुजरिम बन जाने का मामला सामने आया है। यहां एक पिता अपने 3 वर्ष के मासूम बच्चे को लेकर जब जिला न्यायालय पहुंचा तो लोग उसे देख कर चौकन्ने रह गए और श्रावस्ती की पुलिसिया जांच पर सवालिया निशान उठाने लगे।
दरअसल पूरा मामला श्रावस्ती जिले के गिलौला थाना क्षेत्र के कटहा गांव का है। यहां लगभग 1 वर्ष पहले 2 पक्षों में किसी बात को लेकर वाद विवाद हो गया था और दूसरे पक्ष ने थाने में तहरीर देकर कार्रवाई की मांग की थी। जिसपर कोतवाली पुलिस और डीएसपी ने मामले की जांच कर रिपोर्ट लगाई। जिसमें पीड़ित पक्ष का कहना है उसके 4 वर्ष के मासूम को एससी/एसटी एक्ट के तहत गुंडा साबित कर दिया गया। जिसपर पीड़ित अपने बेटे को लेकर न्यायालय में न्याय के समक्ष पहुंच गया और न्याय की गुहार लगा दी, मामला मीडिया में आने से पुलिस विभाग में भी खलबली मच गई है।
श्रावस्ती के कटहा का रहने वाला सिर्फ 4 साल का मल्ला जो शायद ठीक से बोलना भी नहीं जानता, लेकिन आज वह श्रावस्ती पुलिस की नजरों में एससी/एसटी एक्ट के तहत गुंडा एक्ट जैसी गम्भीर धाराओं में मुजरिम है। बरहाल पुलिस ने अब यू-टर्न लेते हुए बड़े भाई को ही मल्ला साबित कर दिया और फ़र्ज़ी आधार कार्ड का हवाला देते हुए जांच का विषय बताने लगी है।
फिलहाल श्रावस्ती पुलिस के मुखिया एसपी अशोक शुक्ला का कहना है कि पुलिस से चूक जरूर हुई है, लेकिन पुलिस ने 4 साल के मासूम को गुंडा एक्ट में नहीं फंसाया बल्कि मल्ला के बड़े बेटे देशराज उर्फ़ मल्ला जिसके उम्र 23 साल है उसे गुंडा एक्ट मुज़रिम करार देते हुए चार्जशीट पेश की है।