Edited By Pooja Gill,Updated: 05 Aug, 2023 11:09 AM
Gyanvapi Case: उत्तर प्रदेश के वाराणसी जिले में भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (ASI) ने शनिवार को ज्ञानवापी परिसर में एक बार फिर वैज्ञानिक सर्वेक्षण कार्य शुरू किया। सर्वे टीम सुबह 8 बजे से परिसर में पहुंची है और सर्वे शुरू किया। वहीं, दूसरी तरफ...
Gyanvapi Case: उत्तर प्रदेश के वाराणसी जिले में भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (ASI) ने शनिवार को ज्ञानवापी परिसर में एक बार फिर वैज्ञानिक सर्वेक्षण कार्य शुरू किया। सर्वे टीम सुबह 8 बजे से परिसर में पहुंची है और सर्वे शुरू किया। वहीं, दूसरी तरफ ज्ञानवापी में आदि विश्वेश्वर की तत्काल पूजा के लिए दाखिल की गई नई याचिका की सुनवाई भी आज होगी। इस वाद पर सुनवाई सिविल जज सीनियर डिवीजन शिखा यादव की अदालत में होगी। याचिका में बताया गया कि सावन में शिवलिंग की पूजा अत्यंत आवश्यक है।
बता दें कि ज्ञानवापी में आदि विश्वेश्वर की तत्काल पूजा के लिए ज्योतिष पीठाधीश्वर जगद्गुरु शंकराचार्य स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती के शिष्य व आदि विश्वेश्वर डोली रथ यात्रा के राष्ट्रीय प्रभारी शैलेंद्र योगीराज सरकार की तरफ से याचिका दाखिल की। इसमें स्टेट ऑफ उत्तर प्रदेश व अन्य को पक्षकार बनाया गया है। अधिवक्ता के जरिये दाखिल वाद में कहा गया है कि हिंदू धर्म के लोग सावन के अधिमास में मिट्टी का पार्थिव शिवलिंग बनाकर पूजा करते हैं। ज्ञानवापी परिसर में साक्षात शिवलिंग प्रकट हुआ है। शिवलिंग की पूजा अत्यंत आवश्यक है। इसलिए ज्ञानवापी परिसर में प्रकट हुए आदि विश्वेश्वर की पूजा-अर्चना का अधिकार देना चाहिए।
वाद पर आज होगा फैसला
यह याचिका दायर करने वाले वादी के अधिवक्ता डॉ. एसके द्विवेदी ने कहा कि अधिमास में पूजा-अर्चना का अधिकार मिलना ही चाहिए। शासकीय अधिवक्ता महेंद्र पांडेय ने सरकार की तरफ से इसका विरोध किया था। कोर्ट ने दोनों पक्षों की बहस सुनने के बाद वादी को पक्षकारों को नोटिस देने की समय सीमा में छूट देने के अनुरोध को स्वीकार किया था। इसके बाद इस वाद में सुनवाई 5 अगस्त को होना तय किया गया था। आज इस फैसले पर सभी की निगाहें टिकी हुई है।
ज्ञानवापी में ASI सर्वे जारी
भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (ASI) ने शनिवार को यहां ज्ञानवापी मस्जिद में अपना वैज्ञानिक सर्वेक्षण कार्य फिर से शुरू कर दिया, ताकि यह पता लगाया जा सके कि 17वीं शताब्दी की मस्जिद का निर्माण हिंदू मंदिर की पहले से मौजूद संरचना पर किया गया था या नहीं। सरकारी वकील राजेश मिश्रा, जो एक दिन पहले दिन भर चले अभ्यास के दौरान एएसआई सर्वेक्षण टीम के साथ थे, ने शनिवार को कहा कि टीम ने सुबह काम शुरू किया और यह शाम 5 बजे समाप्त होगा।