Edited By Ajay kumar,Updated: 07 Jan, 2020 05:32 PM
शादी की तैयारियों में सबसे महत्वपूर्ण होता है मेहमानों की लिस्ट तैयार करना। लेकिन बहुत जल्द शादी के मंडप में सरकारी मेहमान बिन बुलाए...
कानपुर: शादी की तैयारियों में सबसे महत्वपूर्ण होता है मेहमानों की लिस्ट तैयार करना। लेकिन बहुत जल्द शादी के मंडप में सरकारी मेहमान बिन बुलाए पहुंचेंगे। मगर बात घबराने की नहीं हैं। दरअसल सरकार दूल्हा-दुल्हन की शादी को लेकर अलग व्यवस्था शुरू करने जा रही है। यह टीम ट्रिपल पी की होगी, जो शादी समारोह का दौरा करेगी।
सभी धर्मों के लिए विवाह पंजीकरण अनिवार्य
UP में विवाह पंजीकरण के लिए केंद्र सरकार ने महिला कल्याण विभाग द्वारा अगस्त 2017 से नियम लागू किया है। इसी क्रम में प्रदेश सरकार ने भी मुस्लिम सहित सभी धर्मों के लोगों के लिए राज्य विवाह पंजीकरण अनिवार्य किया है।
मूल उद्देश्य है कुरीतियों पर अंकुश लगाना
इसका मूल उद्देश्य बाल विवाह रोकने, पति की मृत्यु पर पत्नी को उत्तराधिकार का दावा मजबूत बनाने, पति से महिलाओं को भरण पोषण का अधिकार और बहुविवाह पर अंकुश लगाने का है।
विवाह स्थल पर ही होगा पंजीकरण
ज्यादातर लोग शादी के बाद पंजीकरण नहीं करा रहे हैं। अगस्त 2017 से लागू विवाह पंजीकरण को लेकर अब सरकार ने गंभीरता दिखाई है। वैसे तो ऑनलाइन विवाह पंजीकरण कराने की सुविधा है। इस विषय में निबंधन राज्यमंत्री रविंद्र जायसवाल ने बताया कि विदेश यात्रा से लेकर कई जगह पर शादी का रजिस्ट्रेशन अनिवार्य हो गया है। इसलिए अब ऐसी व्यवस्था की जा रही है कि शादी स्थल पर तुरंत पंजीकरण कर दिया जाए। इसके लिए एक टीम समारोह में पहुंचेगी और विवाह के पंजीकरण की सभी औपचारिकताएं पूरी कराएगी। इसके बाद नव दंपती को विवाह पंजीकरण प्रमाण पत्र जारी करेगी। यह काम पब्लिक प्राइवेट पार्टनरशिप मोड में किया जाएगा।
वेब साइट पर भी कर सकते आवेदन
UP में विवाह का रजिस्ट्रेशन हिंदू विवाह अधिनियम 1955 या विशेष विवाह अधिनियम 1954 के तहत होता है। इसके लिए UP सरकार की आधिकारिक वेबसाइट igrsup.gov.in पर पंजीकरण कराया जा सकता है। शादी का पंजीकरण होने के बाद यूपी विवाह पंजीकरण विभाग द्वारा प्रमाण पत्र निर्गत किया जाएगा। यह प्रमाण पत्र ही वैध माना जाएगा। इसके लिए दूल्हा और दुल्हन की पासपोर्ट साइज फोटो, शादी का फोटो और उनका आधार कार्ड होना जरूरी होगा।