Edited By Deepika Rajput,Updated: 09 Mar, 2019 11:25 AM
लोकसभा चुनाव की अधिसूचना जारी होने से पहले उत्तर प्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार ने सरकारी कर्मचारियों को ‘फील गुड’ कराने की कोशिश की है। राज्य मंत्रिमंडल की शुक्रवार देर शाम सम्पन्न हुई बैठक में एलोपैथिक डाक्टरों के नान प्रैक्टिस भत्ते में बढ़ोत्तरी...
लखनऊः लोकसभा चुनाव की अधिसूचना जारी होने से पहले उत्तर प्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार ने सरकारी कर्मचारियों को ‘फील गुड’ कराने की कोशिश की है। राज्य मंत्रिमंडल की शुक्रवार देर शाम सम्पन्न हुई बैठक में एलोपैथिक डाक्टरों के नान प्रैक्टिस भत्ते में बढ़ोत्तरी की गई है, जबकि मध्यान्ह भोजन तैयार करने वाले रसोइयों, आशा कार्यकत्रियों और कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय के शिक्षकों के वेतन मानदेय में बढ़ोत्तरी का प्रावधान किया गया है।
प्रवक्ता ने बताया कि सरकारी अस्पतालों में कार्यरत एलोपैथिक डाक्टरों के प्रैक्टिक्स बंदी भत्ता यानी एनपीए अब तक मूल वेतन का 25 फीसदी होता था, लेकिन यह मूल वेतन और एनपीए के कुल योग 85 हजार रूपये प्रति माह से अधिक नहीं होना चाहिए था। मंत्रिमंडल के निर्णय के अनुसार एनपीए अब मूल वेतन का 20 फीसदी तय किया गया है, हालांकि मूल वेतन और भत्ते की कुल सीमा को बढ़ाकर 2,37,500 रूपये कर दिया गया है।
उन्होंने बताया कि कानपुर, मेरठ, फैजाबाद और बांदा स्थित राज्य कृषि एवं प्रौद्यागिकी विश्वविद्यालय के शिक्षकों एवं समकक्षीय वर्ग के लिए 7वें वेतनमान की संस्तुतियां एक जनवरी 2016 से प्रभावी की गई है, जबकि एक फरवरी 2019 से इन्हें पुनरीक्षित वेतनमान का नकद भुगतान किया जाएगा।