Edited By Ajay kumar,Updated: 07 Feb, 2020 12:45 PM
रूस और भारत की रक्षा कंपनियों के बीच अस्त्र तथा सैन्य प्रणालियों के कलपुर्जे बनाने के लिए गुरुवार को 14 समझौतों पर हस्ताक्षर हुए।
लखनऊ: रूस और भारत की रक्षा कंपनियों के बीच अस्त्र तथा सैन्य प्रणालियों के कलपुर्जे बनाने के लिए गुरुवार को 14 समझौतों पर हस्ताक्षर हुए। भारत और रूस के बीच पिछले साल सितंबर में अंतर सरकारी समझौते के ढांचे के तहत इस संबंध में सहमति पत्रों पर हस्ताक्षर हुए थे। संबंधित समझौतों पर हस्ताक्षर आज डिफेंस एक्सपो के दूसरे दिन किए गए।
सरकारी विज्ञप्ति में कहा गया कि डिफेंस एक्सपो में गुरुवार को पांचवें भारत-रूस सैन्य उद्योग सम्मेलन में कुल 14 समझौतों पर हस्ताक्षर किए गए। रक्षा सचिव अजय कुमार ने इस मौके पर कहा कि भारत ने हिन्दुस्तानी और रूसी कम्पनियों के बीच सहयोग को बढ़ाने के लिये अनेक कदम उठाये हैं और वह भारत में रक्षा उपकरणों का निर्माण कार्य जल्द शुरू करने पर ध्यान दे रहा है।
रूस के उद्योग उपमंत्री ओलेग रायजान्जियेव ने कहा कि रूस आईजीए के दायरे में रहकर सहयोग बढ़ाने में सक्रिय सहभागिता करेगा, साथ ही वह भारत में पुर्जों के निर्माण की सुविधा मुहैया कराने के लिये सभी जरूरी कदम उठाएगा। भारतीय सशस्त्र बलों को रूस निर्मित सैन्य प्रौद्योगिकी तथा प्रणालियों के कलपुर्जों की आपूर्ति में विलम्ब का सामना करना पड़ रहा है। रूस पिछले करीब छह दशक से भारत को सैन्य उपकरणों की आपूर्ति करने में अग्रणी रहा है।