Edited By Anil Kapoor,Updated: 26 Dec, 2018 09:37 AM
उत्तर प्रदेश सरकार के कैबिनेट मंत्री स्वामी प्रसाद मौर्य ने 3 राज्यों में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) को मिली हार को एक चुनौती के रूप में स्वीकार करते हुए कहा है कि यही लोकतंत्र है। हम जीत की तरह हार का भी स्वागत करते हैं।
झांसी: उत्तर प्रदेश सरकार के कैबिनेट मंत्री स्वामी प्रसाद मौर्य ने 3 राज्यों में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) को मिली हार को एक चुनौती के रूप में स्वीकार करते हुए कहा है कि यही लोकतंत्र है। हम जीत की तरह हार का भी स्वागत करते हैं। यहां एक इंटर कॉलेज में आयोजित कुशवाहा समाज के मेधावी छात्र-छात्राओं के सम्मान समारोह में शामिल होने आए ने छत्तीसगढ़,राजस्थान और मध्यप्रदेश में हार को सहजता से स्वीकार करते हुए कहा कि यही लोकतंत्र है। जीत और हार लोकतंत्र के 2 पहलू हैं। हम हार को अन्यथा नहीं लेते। जिस प्रकार से जीत पर खुशी होकर हम स्वागत करते हैं। ठीक उसी प्रकार हार का भी हम स्वागत करते हैं। यह समीक्षा का विषय है। आगामी लोकसभा चुनाव में हम इस पर समीक्षा करने के बाद फिर काम करेंगे।
कैबिनेट मंत्री ने समारोह के बाद पत्रकारों से बातचीत में कहा कि आज पूरे देश में भाजपा के महान नेता व भूतपूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी बाजपेयी का जन्मदिन धूमधाम से मनाया जा रहा है। ईसाई ईसा मसीह का जन्मदिन मना रहे हैं। इस उपलक्ष्य में उन्हें यहां कुशवाहा समाज के मेधावी छात्र-छात्राओं को सम्मानित करने का मौका मिला है, जो देश विदेश में बुंदेलखंड की प्रतिभा को बिखेरने का कार्य करेंगे। उन्होंने लोगों के शिक्षा की ओर बढ़ते रुझान को भी सराहा।
मौर्य ने कहा कि बुंदेलखंड को शिक्षा के क्षेत्र में पहले पिछड़ा हुआ माना जाता था। अब यह क्षेत्र भी अग्रिम पंक्ति में खड़ा हुआ है। राम मंदिर मुद्दे पर पूछे गये सवाल के जवाब में कैबिनेट मंत्री ने कहा कि आप भी पत्रकार हैं। आप हमें बताइए कि जब कोई मामला माननीय सुप्रीम कोर्ट में विचाराधीन है तो उसमें हमारी पार्टी कैसे हस्तक्षेप कर सकती है। भाजपा सुप्रीम कोर्ट के फैसले का स्वागत करेगी। कोर्ट के आदेश के बाद ही मंदिर निर्माण पर कुछ कहा जा सकता है। एक सवाल के जबाब में उन्होंने कहा कि भाजपा राम मंदिर के मुद्दे पर नहीं बल्कि विकास के मुद्दे पर चुनाव लड़ती आई है और आगामी लोकसभा चुनाव 2019 भी विकास के मुद्दे पर आधारित होगा।