Edited By Ajay kumar,Updated: 22 Apr, 2024 04:13 PM
उत्तर प्रदेश में अनुसूचित जाति बाहुल्य 17, आरक्षित सीटों पर बसपा अपना कद बढ़ाने के लिए दो दशक से प्रयासरत है। इस दौरान संपन्न लोकसभा चुनावों में बसपा कभी भी पांच सीटों से ज्यादा नहीं जीत सकी है। वहीं, 2009 में सपा ने 10 सीटें और 2014 में मोदी लहर के...
लखनऊ: उत्तर प्रदेश में अनुसूचित जाति बाहुल्य 17, आरक्षित सीटों पर बसपा अपना कद बढ़ाने के लिए दो दशक से प्रयासरत है। इस दौरान संपन्न लोकसभा चुनावों में बसपा कभी भी पांच सीटों से ज्यादा नहीं जीत सकी है। वहीं, 2009 में सपा ने 10 सीटें और 2014 में मोदी लहर के दौरान भाजपा ने सभी 17 सीटों पर अपना वर्चस्व जमाया था। हालांकि 2019 के चुनाव में बसपा ने भाजपा की झोली से दो सीटें झटकी थीं, इसबार सीटों की संख्या बढ़ाने की कोशिश में है। एनडीए और इंडिया गठबंधन के बीच हो रहे लोकसभा चुनावों में बसपा, आरक्षित सीटों के भरोसे तीसरे मोर्चा बनाने की फिराक में है। हालांकि इसकी धमक बसपा द्वारा प्रत्याशी घोषित होते ही सुनाई भी देती है। बसपा के प्रत्याशी से कुछ सीटों र पर एनडीए और सपा-कांग्रेस गठबंधन के तैयार समीकरणों को बिगड़ते नजर आ रहे हैं। इसी रणनीति मोर्चे को सफल बनाने के लिए मायावती ने पश्चिम उत्तर प्रदेश में सभाएं शुरू कर दी हैं। वहीं भाजपा की ओर से पीएम मोदी, गृहमंत्री अमित शाह के साथ ही मुख्यमंत्री योगी की सभाएं ताबड़तोड़ जारी हैं।
बसपा के लिए सभी जातियां समान
बसपा में लखनऊ मंडल के प्रभारी व हरदोई प्रत्याशी भीमराव आंबेडकर का कहना है कि बसपा के लिए सभी जातियां समान हैं, किसी के साथ भेदभाव नहीं करती है। आरक्षित सीटों पर अनुसूचित व अनुसूचित जनजाति मतदाताओं की संख्या ज्यादा होती है। पार्टी का प्रयास है कि यह वर्ग कम शिक्षित होता है, इसलिए इन्हें कोई बरगला न सके, इनके वोट की खरीद फरोख्त न हो सके। बसपा ने प्रदेश की अधिकांश आरक्षित सीटों पर प्रत्याशी घोषित कर दिये हैं, नगीना सीट से सुरेन्द्र पाल सिंह हैं, जहां पहले चरण में मतदान संपन्न हो चुके हैं। अन्य प्रत्याशियों में बुलंदशहर सीट से गिरीश चंद्र जाटव, शाहजहांपुर में डॉ. दोदराम वर्मा,हाथरस से हेम बाबू धनगर, आगरा से पूजा अमरोही, इटावा से सारिका सिंह बघेल, जालौन में सुरेश चंद्र गौतम को उम्मीदवार घोषित किया गया है। वहीं मोहनलालगंज से राजेश कुमार उर्फ मनोज प्रधान, कौशाम्बी से शुभ नारायण, राबर्ट्सगंज से धनेश्वर गौतम, लालगंज से डॉ. इंदु चौधरी, मिश्रिख से बीआर अहिरवार, मछलीशहर से कृपा शंकर सरोज, हरदोई से भीमराव आंबेडकर चुनाव मैदान में डटे हैं। बाराबंकी, बहराइच, बांसगांव में प्रत्याशी घोषित होना बाकी हैं।
किसी के साथ भेदभाव नहींः आंबेडकर
इसके लिए बसपा सुप्रीमो मायावती वोट के अधिकार को लेकर जनमानस को सजग करती रहती हैं। वहीं देवीपाटन मंडल प्रभारी दिनेश चंद्रा का कहना है हर सीट के लिए अलग रणनीति रहती है, हर सीट पर पार्टी द्वारा दिए गए निर्देशानुसार कार्यकर्ता मतदाताओं के साथ संवाद कायम किये हुए हैं। जिन सीटों पर प्रत्याशियों की अधिकारिक घोषणा नहीं हुई हैं, वहां भी प्रचार अभियान जारी है।