Edited By Purnima Singh,Updated: 04 Mar, 2025 02:14 PM

उत्तर प्रदेश के बांदा जिले के गोयरा मुगलई गांव निवासी 33 वर्षीय शहजादी खान को 15 फरवरी 2025 को UAE में फांसी दे दी गई है। 10 फरवरी 2023 को उसे अबू धाबी पुलिस को सौंपा गया था और 31 जुलाई 2023 को अदालत ने उसे मौत की सजा सुनाई थी। शहजादी खान पर चार...
बांदा : उत्तर प्रदेश के बांदा जिले के गोयरा मुगलई गांव निवासी 33 वर्षीय शहजादी खान को 15 फरवरी 2025 को UAE में फांसी दे दी गई है। 10 फरवरी 2023 को उसे अबू धाबी पुलिस को सौंपा गया था और 31 जुलाई 2023 को अदालत ने उसे मौत की सजा सुनाई थी। शहजादी खान पर चार महीने के बच्चे की हत्या का आरोप लगा था। जिसके चलते वह दो साल से अल वथबा जेल में बंद थी। शहजादी खान के पिता ने कभी सोचा भी नहीं था कि उन्हें अपनी लाडली को जिंदा देखने की आखिरी उम्मीद भी खोनी पड़ेगी।
शहजादी ने आखिरी कॉल पर क्या कहा?
शहजादी के पिता शब्बीर खान ने बताया कि 14 फरवरी की रात करीब 12 बजे उनकी बेटी ने आखिरी कॉल किया था। कॉल पर शहजादी ने बताया था कि यह उसकी आखिरी कॉल है और उसे अब एक अलग कमरे में शिफ्ट कर दिया गया है। शहजादी के माता-पिता की उससे इसके बाद कोई बातचीत नहीं हुई थी। जिसके चलते वह परेशान हो गए थे।
परिवार ने सरकार पर लगाए आरोप
शहजादी के परिवार ने दिल्ली हाई कोर्ट में याचिका दायर की थी। जिसके जवाब में विदेश मंत्रालय ने जानकारी दी कि शहजादी को 15 फरवरी को फांसी दे दी गई है। वहीं उसका अंतिम संस्कार 5 मार्च को किया जाएगा। शब्बीर खान ने भारत सरकार पर आरोप लगाते हुए कहा, "हमने भारत सरकार से मदद मांगी, कई जगह आवेदन दिए, लेकिन हमारे पास न तो पैसे थे और न ही कोई साधन जिससे हम वहां जाकर वकील कर पाते. सरकार ने हमारा साथ नहीं दिया।"
‘योगी-मोदी जी की बेटियां नहीं हैं, इसलिए वे हमारा दर्द नहीं समझ सकते’
शहजादी के पिता शब्बीर खान ने अपनी पीड़ा व्यक्त करते हुए कहा, "योगी जी (मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ) और मोदी जी (प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी) की बेटियां नहीं हैं, इसलिए वे इस दर्द को नहीं समझ सकते। अगर उनका कोई करीबी होता, तो वे जरूर कार्रवाई करते।"