Kanpur Dehat News: खबरदार! Nikaah में बजा बैंड-बाजा या DJ तो... उलेमाओं ने दी सख्त हिदायत

Edited By Harman Kaur,Updated: 10 Dec, 2023 06:14 PM

Kanpur Dehat News: इन दिनों शादियों का सीजन चल रहा है... एक से एक नए कपल शादी के बंधन में बंधकर अपनी जिंदगी गुजार रहें हैं.... घर से लेकर स्टेज तक को दुल्हन की तरह सजाया जा रहा है... लेकिन अब कानपुर देहात में शादी करने वाले थोड़ा खबरदार हो जाएं......

Kanpur Dehat News: इन दिनों शादियों का सीजन चल रहा है... एक से एक नए कपल शादी के बंधन में बंधकर अपनी जिंदगी गुजार रहें हैं.... घर से लेकर स्टेज तक को दुल्हन की तरह सजाया जा रहा है... लेकिन अब कानपुर देहात में शादी करने वाले थोड़ा खबरदार हो जाएं... क्यों कि ये खबर आपके लिए है.... दरअसल कानपुर देहात में मुस्लिम समुदाय ने निकाह में डीजे, बैंड-बाजा को लेकर बड़ा फैसला लिया है....।

दरअसल कानपुर देहात में फिजूलखर्ची और उपद्रव रोकने के लिए उलेमाओं ने एक फरमान जारी किया है... उलेमाओं के द्वारा सर्वसम्मति से लिए गये इस फैसले में बैंड-बाजा और डीजे पर प्रतिबंध लगाने की बात कही गई है... इससे निकाह में बैंड बाजा और डीजे की धुन पर थिरकने वाले लोगों के लिए मुश्किलें बढ़ने वाली हैं... उलेमाओं का कहना है कि इसके बावजूद अगर कोई बात नही मानता है तो उसके निकाह मे कोई उलेमा शामिल नही होगा... यानी की अब डीजे लेकर शादी करने गए तो निकाह पढ़ना भी मुश्किल हो जाएगा...।

दरअसल उलेमाओं ने आपसी सहमति से कहा कि निकाह में फिजूलखर्ची, बैंड बाजा नहीं बजना चाहिए... इसके साथ ही उन्होंने सख्ती से कहा कि नियम का पालन न करने वाले लोगों पर कार्रवाई की जाएगी... कस्बे के आरामशाह बाबा की दरगाह में कस्बे के नई जामा मस्जिद के पेश ईमाम मौलाना अनीसुर्रहमान साहब, नूरी जामा मस्जिद के पेश ईमाम मौलाना सैय्यद अजमत अली, नई बस्ती जामा मस्जिद के पेश ईमाम मुफ्ती हाशिम साहब और पुरानी जामा मस्जिद के पेश ईमाम मौलाना नियामत उल्ला साहब ने कस्बे के मुस्लिम वर्ग के संभ्रांत लोगों के साथ बैठक करते हुए ये हिदायतें दी...वहीं उन्होने कहा कि इसके बावजूद भी अगर कोई हठधर्मी दिखाते हुए अपनी शादी में बैंड बाजा और डीजे करेगा तो फिर उस परिवार के जनाजे में भी मौलाना शिरकत नहीं करेंगे और जनाजे की नमाज भी नहीं पढ़ाई जाएगी...।

उलेमाओं ने कहा कि जो शादी में डीजे और बैंडबाजे करके फिजूल खर्ची की जाती है... उसके बदले वही पैसा मदरसों और मौलवियों पर खर्च किए जाए ताकि मदरसों में पढ़ने बाले बच्चों में दीनी तालीम हासिल हो... नाच गानें से कुछ भी हासिल होने वाला नहीं हैं... इसकी इजाजत शरीयत भी नहीं देती है... शादी के नाम पर गैर शरई कामों को अंजाम दिया जा रहा है... लड़की वालों से दहेज की मांग की जा रही है... दहेज की नुमाईश की जा रही है... इसे किसी भी सूरत में सही नहीं ठहराया जा सकता है... उन्होंने कहा कि अल्लाह के रसूल ने निकाह को आसान करने का हुक्म दिया है... डीजे, ढोल-बाजे और आतिशबाजी इस्लाम मे नाजायज और हराम करार दिया है...उलेमाओं के इस फैसले की सभी लोगों ने सराहना की है...।

बता दें कि इससे पहले भी इसी तरह के फैसले यूपी के अमेठी में भी लिया गया था... जिसमें तय हुआ था की अगर कोई डीजे लेकर शादी में आता है तो मस्जिद का इमाम उस निकाह को नहीं पढ़ाएगा.. ऐसे में अब देखना होगा की आने वाले वक्त में लोग इसपर कितना अमल करते हैं......।

 

 

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