Raju Pal murder case: 7वें दोषी इसरार अहमद को CBI कोर्ट ने सुनाई उम्रकैद की सजा, सोमवार को किया था सरेंडर

Edited By Anil Kapoor,Updated: 05 Apr, 2024 09:24 AM

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Raju Pal murder case: उत्तर प्रदेश में लखनऊ की एक विशेष सीबीआई अदालत ने गुरुवार को हाई-प्रोफाइल राजू पाल हत्याकांड में सातवें आरोपी इसरार अहमद को आजीवन कारावास की सजा सुनाई। कोर्ट ने आरोपी अहमद पर 1.9 लाख रुपये का जुर्माना भी लगाया है। अहमद 29 मार्च...

Raju Pal murder case: उत्तर प्रदेश में लखनऊ की एक विशेष सीबीआई अदालत ने गुरुवार को हाई-प्रोफाइल राजू पाल हत्याकांड में सातवें आरोपी इसरार अहमद को आजीवन कारावास की सजा सुनाई। कोर्ट ने आरोपी अहमद पर 1.9 लाख रुपये का जुर्माना भी लगाया है। अहमद 29 मार्च को अदालत में पेश नहीं हुआ था, जब मामले के अन्य 6 आरोपियों, आबिद, फरहान अहमद, जावेद, गुलहसन, रंजीत पाल और अब्दुल कवि को आजीवन कारावास के साथ-साथ 11.65 लाख रुपये के संयुक्त जुर्माने की सजा सुनाई गई थी। उनके खिलाफ गैर-जमानती वारंट जारी किया गया था और उनसे संबंधित सजा की मात्रा पर बहस टाल दी गई थी।

सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक, सुप्रीम कोर्ट द्वारा 22.01.2016 को पारित आदेश पर 08.04.2016 को सीबीआई ने मामला दर्ज किया था और पुलिस स्टेशन धूमनगंज, इलाहाबाद (यूपी) में पहले दर्ज एफआईआर संख्या 31/2005 की जांच अपने हाथ में ले ली थी। शीर्ष न्यायालय के निर्देश सीए संख्या 77/2016 में आए, जो मृतक की पत्नी द्वारा निष्पक्ष और शीघ्र सुनवाई की मांग को लेकर दायर एसएलपी (सीआरएल) संख्या 1458/2015 से उत्पन्न हुआ था। शीर्ष अदालत ने सीबीआई को मामले में नए सिरे से जांच करने का भी निर्देश दिया और यह भी निर्देश दिया कि निचली अदालत मुकदमे को शीघ्रता से समाप्त करे। 25.01.2005 को थाना धूमनगंज क्षेत्र में यूपी विधानसभा के तत्कालीन मौजूदा विधायक राजू पाल और उनके दो सहयोगियों देवी दीन पाल और संदीप यादव की हत्या के संबंध में यूपी पुलिस ने अशरफ और अतीक अहमद और अन्य अज्ञात व्यक्तियों के खिलाफ मामला दर्ज किया था।

आरोप था कि 25.01.2005 को अपराह्न लगभग 3.00 बजे जब राजू पाल अपने साथियों के साथ घर लौट रहा था, तो अमित दीप मारुति एजेंसी के पास 7-8 लोगों ने उसकी गाड़ी रोक ली थी। यह भी आरोप लगाया गया कि आरोपी अशरफ और अन्य ने गोली मारकर पीड़ित की हत्या कर दी। इसके साथ यह भी आरोप लगाया गया कि हत्या तत्कालीन लोकसभा सदस्य अतीक अहमद के इशारे पर की गई थी। मामले में यूपी पुलिस ने चार्जशीट दाखिल की थी, बाद में, मामला सीबी-सीआईडी, यूपी को स्थानांतरित कर दिया गया, जिसने 03 पूरक आरोपपत्र दायर किए।

आपको बता दें कि डी नोवो जांच करने के बाद, सीबीआई ने 10 आरोपी व्यक्तियों (i) खालिद अजीम, (ii) अतीक अहमद, (iii) रंजीत पाल के खिलाफ आईपीसी की धारा 147, 148, 149, 302, 307, 120-बी के तहत आरोप पत्र दायर किया। , (iv) आबिद, (v) फरहान अहमद, (vi) इसरार अहमद, (vii) जावेद, (viii) गुलफुल @ रफीक, (ix) गुलहसन और (x) अब्दुल कवि। आरोपी अतीक अहमद और फरहान अहमद पर भी क्रमशः आईपीसी की धारा 506 और धारा 27 शस्त्र अधिनियम के तहत आरोप पत्र दायर किया गया था। मुकदमे की कार्यवाही के दौरान अभियुक्त गुलफुल उर्फ रफीक की मृत्यु हो गयी, अत: उसका नाम मुकदमे से हटा दिया गया। कोर्ट ने 20.10.2022 को 9 आरोपियों के खिलाफ आरोप तय किये। मुकदमे के दौरान, आरोपी अतीक अहमद और अशरफ की मृत्यु हो गई, इसलिए उनके खिलाफ मुकदमा समाप्त कर दिया गया।

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