Edited By ,Updated: 31 Jan, 2017 08:57 PM
ब्राह्मण मतदाताओं के बसपा से छिटकने से लोकसभा चुनाव में फेल हुई सोशल इंजीनियरिंग को मायावती नए सिरे से गढ़ रही हैं। इस बार उनकी इंजीनियरिंग का जोर मुस्लिमों का मसीहा बनने पर है, ताकि सपा से खफा मुस्लिमों को सत्ता की सीढ़ी बनाया जा सके।