Edited By Anil Kapoor,Updated: 09 Apr, 2024 11:15 AM
Chaitra Navratri 2024: आज चैत्र नवरात्रि के पहले दिन राम नगरी अयोध्या के देवी मंदिरों में भक्तों का तांता लगा हुआ है। आज से 9 दिनों तक चलने वाला राम जन्मोत्सव मेला शुरू हो गया। भोर से ही माता के मंदिरों में भक्तों की भीड़ उमड़ पड़ी है। इन दिनों राम...
(संजीव आजाद)Chaitra Navratri 2024: आज चैत्र नवरात्रि के पहले दिन राम नगरी अयोध्या के देवी मंदिरों में भक्तों का तांता लगा हुआ है। आज से 9 दिनों तक चलने वाला राम जन्मोत्सव मेला शुरू हो गया। भोर से ही माता के मंदिरों में भक्तों की भीड़ उमड़ पड़ी है। इन दिनों राम नगरी के छोटी देवकाली, बड़ी देवकाली और बालाजी सहित सभी देवी मंदिरों में भक्तों का तांता लगा है। महिलाएं आरती पूजन कर माता को खुश करने में जुटी है। चैत्र नवरात्रि में बड़ी देवकाली मंदिर का महत्व इसलिए ही माना जाता है क्योंकि चैत्र नवमी के दिन भगवान श्रीराम का जन्म हुआ था और छठ के दिन माता कैकेयी श्री राम सहित चारों भाइयों को बड़ी देवकाली मंदिर में लाई थी और विधिवत पूजन अर्चना की थी।
एक ही शिला में हैं तीनों देवियां-महाकाली, महालक्ष्मी और महासरस्वती
मिली जानकारी के मुताबिक, बड़ी देवकाली मंदिर में महाकाली, महालक्ष्मी और महासरस्वती तीनों देवियां एक ही शिला में हैं। अयोध्या में चैत्र नवरात्रि का अलग ही महत्त्व है, क्योकि इसी माह की नवमी को मर्यादा पुरुषोत्तम श्रीराम का जन्मोत्सव धूम धाम से मनाया जाता है। एसे में धर्म नगरी की बड़ी देवकाली मंदिर में भक्त मन की शांति के लिए दर्शन पूजन कर रहे हैं। बड़ी देवकाली को श्रीराम की कुलदेवी माना जाता है।
जानिए, क्या है इस मंदिर की मान्यता और महत्व?
ऐसी मान्यता है कि भगवान राम के जन्म के बाद माता कैकेयी चारों भाइयों को यहां बड़ी देवकाली मंदिर लाई थी और उनका बकायदा विधिवत पूजन अर्चन किया साथ ही श्रीराम जब वन जाने लगे तब भी यहां पर आकर पूजन अर्चन किया था और माता-पिता से विवाह के बाद अयोध्या वापस आने पर भी कुलदेवी का आशीर्वाद लिया था। इसीलिए आज भी यहां नवजात शिशु को छठ के दिन पूजा के लिए लाया जाता है और विवाह के बाद नव दंपति भी माता बड़ी देवकली का आशीर्वाद लेते हैं।