Edited By prachi,Updated: 12 Apr, 2019 07:02 PM
कीर्ति झा आजाद शुक्रवार को धनबाद पहुंचे। वे कांग्रेस से लोकसभा का टिकट मिलने के बाद पहली बार जहां आए। मगर इस दौरान उन्हें स्वागत की बजाय भारी विरोध का सामना करना पड़ा। पार्टी कार्यकर्ताओं ने उन्हें जगह-जगह काले झंडे दिखाए और कीर्ति गो बैक के नारे भी...
धनबाद: कीर्ति झा आजाद शुक्रवार को धनबाद पहुंचे। वे कांग्रेस से लोकसभा का टिकट मिलने के बाद पहली बार जहां आए। मगर इस दौरान उन्हें स्वागत की बजाय भारी विरोध का सामना करना पड़ा। पार्टी कार्यकर्ताओं ने उन्हें जगह-जगह काले झंडे दिखाए और कीर्ति गो बैक के नारे भी लगाए। कीर्ति धनबाद के बैंक मोड़ स्थित एक होटल में प्रेसवार्ता कर रहे थे। इसी दौरान कुछ कार्यकर्ता आए और कीर्ति को काला झंडा दिखाकर उनके खिलाफ नारेबाजी करने लगे। वहीं पार्टी के अन्य नेता- कार्यकर्ताओं ने विरोध करने वालों को धक्का-मुक्की कर होटल से बाहर निकाल दिया। इन कार्यकर्ताओं का विरोध- प्रदर्शन होटल के बाहर भी जारी रहा।
विरोध कर रहे कार्यकर्ताओं कह रहे थे कि कीर्ति बाहरी उम्मीदवार हैं और बीजेपी-आरएसएस के एजेंट रह चुके हैं। इसलिए उन्हें हम स्वीकार नहीं करेंगे। कीर्ति की प्रेसवार्ता में शामिल होने आए पूर्व मंत्री मन्नान मल्लिक और जलेश्वर महतो ने इस विरोध को गलत बताया। साथ ही विरोध करने वालों को बीजेपी प्रत्याशी पीएन सिंह का आदमी बताया। कीर्ति आजाद ने भी इसके पीछे पीएन सिंह की साजिश का दावा किया और कहा विरोध में शामिल लोग बीजेपी के कार्यकर्ता थे। वहीं आजाद ने भागलपुर दंगे पर सफाई देते हुए कहा कि उनके पिता या किसी भी सदस्य का नाम उस दंगे की किसी भी एफआईआर में नहीं है।
वहीं धनबाद की समस्या को लेकर पीएन सिंह पर निशाना साधते हुए कीर्ति ने कहा कि उन्हें अब रिटायर हो जाना चाहिए। उनकी उम्र भी अधिक हो गई है। इसी दौरान बाहरी बताए जाने के सवाल पर उन्होंने कहा कि मैं तो पूरा झारखंडी हूं। इससे पहले कीर्ति ने झरिया के साउथ गोलकडीह जाकर गत 4 अप्रैल को छत्तीसगढ़ में शहीद हुए बीएसएफ के जवान इसरार खान के परिजनों से मुलाकात की।