Edited By Punjab Kesari,Updated: 18 Mar, 2018 05:37 PM
उत्तराखंड के राज्यपाल डॉ. कृष्ण कांत पॉल ग्राफिक ऐरा हिल्स ‘प्रिपरेशन फॉर द एज ऑफ फ्यूचर टैक्नोलॉजी’ विषय पर आयोजित सैमीनार में शामिल हुए। इस अवसर पर राज्यपाल ने कहा कि विज्ञान का एकमात्र लक्ष्य मानव कल्याण होता है।
देहरादून: उत्तराखंड के राज्यपाल डॉ. कृष्ण कांत पॉल ग्राफिक ऐरा हिल्स ‘प्रिपरेशन फॉर द एज ऑफ फ्यूचर टैक्नोलॉजी’ विषय पर आयोजित सैमीनार में शामिल हुए। इस अवसर पर राज्यपाल ने कहा कि विज्ञान का एकमात्र लक्ष्य मानव कल्याण होता है। सभ्यता के विकास के लिए ही तमाम वैज्ञानिक खोजें और आविष्कार होते हैं।
विज्ञान के विकास के साथ ही सभ्यता का विकास
राज्यपाल ने कहा कि आने वाला समय कृत्रिम बुद्धिमत्ता का है। हमें यह ध्यान रखना चाहिए कि कृत्रिम बुद्धिमत्ता का उपयोग मानव जाति के हित में केवल एक सहायक उपकरण के तौर पर ही किया जाए। उन्होंने कहा कि विज्ञान के विकास के साथ ही सभ्यता का विकास हुआ। विज्ञान एक सतत प्रक्रिया है। टैलीग्राफ, टैलीफोन, रेडियो, टैलीविजन, मोबाइल, इंटरनैट आदि के उदाहरण देते हुए उन्होंने कहा कि समय-समय पर विभिन्न तकनीके आई और समय के अंतर के साथ इनका प्रतिस्थापन अधिक विकसित तकनीकों द्वारा होता रहा है। विज्ञान कभी ठहरता नहीं है। मानव सभ्यता के विकास के लिए भी विज्ञान की निरंतर प्रगति जरूरी है।
आने वाला समय कृत्रिम बुद्धिमता का
कृष्ण कांत पॉल ने कहा कि आने वाला समय कृत्रिम बुद्धिमता का है। कृत्रिम बुद्धिमत्ता का प्रयोग अनेक क्षेत्रों में किया जाने लगा है। मौसम विभाग द्वारा सैंकडों परिवर्तनशील कारकों का विश्लेषण कर लगभग सटीक पूर्व अनुमान किए जाने लगे हैं।