Edited By Punjab Kesari,Updated: 16 Sep, 2017 11:44 AM
राष्ट्रभाषा हिन्दी दिवस पखवाड़े के उपलक्ष्य में कर्मयोग सेवा मिशन की ओर से हिंदी एवं काव्य रसधारा संगोष्ठी का आयोजन किया गया।
हरिद्वार: राष्ट्रभाषा हिन्दी दिवस पखवाड़े के उपलक्ष्य में कर्मयोग सेवा मिशन की ओर से हिंदी एवं काव्य रसधारा संगोष्ठी का आयोजन किया गया। शंकर आश्रम के पास स्थित एक होटल में आयोजित संगोष्ठी को संबोधित करते हुए मुख्य अतिथि उत्तराखंड संस्कृत विश्वविद्यालय के पूर्व कुलपति डा. महावीर प्रसाद अग्रवाल ने कहा कि हिन्दी राष्ट्रभाषा होने के साथ लोगों को आपस में जोड़ती है।
भारत के अलावा विदेशों में रह रहे अधिकांश लोगों की मातृभाषा हिन्दी ही है। युवा पाश्चात्य संस्कृति व अंग्रेजीयत से बचते हुए अपनी भाषा हिन्दी को बढ़ावा दें। हिन्दी का प्रयोग करना आसान है। कर्मयोगी सेवा मिशन के संस्थापक अध्यक्ष अवधेश मिश्र ने काव्य रसधारा से अवगत कराने वाले कवियों का आभार जताते हुए कहा कि कवि कल्पनाओं से समाज को सजग करने के लिए हमेशा अपने प्रयासों में जुटे रहते हैं। समाज में फैली विसंगतियों को अपनी बौद्धिक क्षमताओं से हिन्दी के माध्यम से दर्शाते हुए दूर करते हैं। कवि की सोच समाज को जोडऩे का काम करती है।
अंकुर पालीवाल ने कहा कि हरिद्वार आस्था की नगरी है। संत महापुरुषों के सान्निध्य में यहां हिंदी का काफी विकास हुआ है। स्कूल-कालेजों में हिंदी का प्रयोग अधिक होना चाहिए। छात्र-छात्राओं को भी हिन्दी के प्रयोग के प्रति जागरूक करने की आवश्यकता है। राष्ट्र भाषा हिन्दी दिवस पखवाड़े के उपलक्ष्य में काव्य रसधार रमेश रमन, अभिनंदन गुप्ता, डा. मीरा, मनु शर्मा शिवपुरी ने हिन्दी के विभिन्न आयामों से अवगत कराते हुए हिन्दी के महत्व पर प्रकाश डाला।
कवियों ने हिन्दी कविताओं का पाठ करते हुए साहित्य में हिन्दी की विशेषताओं पर प्रकाश डाला। इस अवसर पर रमेश रमन, अभिनंदन गुप्ता, डा. मीरा, मनु शर्मा, योगेंद्रनाथ अरुण, गोपाल नारसन आदि को सम्मानित किया गया। कार्यक्रम की अध्यक्षता पुरुषोत्तम शर्मा गांधीवादी ने की। विभोर, पुरुषोत्तम शर्मा, नीरज पालीवाल, धीरज पालीवाल, पदम प्रकाश, डा. विशाल गर्ग, योगी रजनीश, जगदीश लाल पाहवा, सतीश जैन, सौरभ सिखौला, संजीव चौधरी इस अवसर पर उपस्थित रहे।