Edited By Punjab Kesari,Updated: 29 May, 2017 12:20 PM
बरेली के फरीदपुर क्षेत्र में पिछले दिनों एक युवक की हत्या के आरोप में पुलिस ने उसके 3 साथियों को गिरफ्तार किया है।
बरेली: बरेली के फरीदपुर क्षेत्र में पिछले दिनों एक युवक की हत्या के आरोप में पुलिस ने उसके 3 साथियों को गिरफ्तार किया है। बरेली की पुलिस अधीक्षक (देहात) ख्याति गर्ग ने बताया कि फतेहगंज पश्चिमी के अगरास निवासी सैन्यकर्मी बलदेव के पुत्र सचिन (18) की 24 मई को हत्या कर दी गई थी। पुलिस ने इस सिलसिले में सचिन के मित्र अमरपाल को हिरासत में लेकर पूछताछ की। अमरपाल ने पुलिस को गुमराह करने का प्रयास किया मगर पुलिस की सख्ती के आगे वह टूट गया।
अभियुक्त ने पुलिस को बताया कि उसने अपने साथी हबीब और रियाज के साथ मिलकर जन्मदिन पर उसकी हत्या की साजिश रची थी। पुलिस ने अमरपाल की निशानदेही पर 250 ग्राम स्मैक भी बरामद की। अमरपाल को जेल भेज दिया गया है जबकि 2 अन्य साथियों की तलाश की जा रही है। पुलिस ने बताया कि अमरपाल सचिन के शव को बाइक पर शर्ट से बांधकर पुलिस के पास पहुंचा था और किसी अज्ञात युवक द्वारा पीछे से गोली मारकर हत्या की बात कही थी। संदेह के आधार पर अमरपाल से पूछताछ हुई तो घटना खुल गई।
अमरपाल ने बताया कि सचिन के साथ मिलकर वह स्मैक व हैरोइन की हिमाचल ले जाकर सप्लाई करता था। थाना फतेहगंज पूर्वी के गांव पढ़ेरा निवासी हसीब व रियाज से वह स्मैक और हैरोइन उधार लेकर आगे सप्लाई करते थे। सचिन उसकी और हसीब व रियाज के रुपयों की बेईमानी कर रहा था। इसलिए उन्होंने सचिन को ठिकाने लगाने की योजना बनाई। ग्रामीणों को दिखाने के लिए अमरपाल हिमाचल में एक दवा कंपनी में नौकरी करता था। वह अक्सर घर आता और हैरोइन व स्मैक ले जाकर हिमाचल में सप्लाई करता था। किसी को भी उसके कारोबार की भनक नहीं थी।
पुलिस अधीक्षक ने बताया कि सचिन और अमर अच्छे दोस्त थे और पिछले 8 सालों से हैरोइन और स्मैक की तस्करी कर रहे थे। पढ़ाई के साथ-साथ सचिन जब 10 साल का था तभी से वह स्मैक की तस्करी करने लगा था। 8 सालों से वह अपने दोस्तों अमर और इरफान उर्फ हनीस खान के साथ हैरोइन की तस्करी कर रहा था।पुलिस के मुताबिक सचिन पर काफी उधार था। पैसों के लेन-देन को लेकर आरोपी अमर ने अपने साथी इरफान के साथ मिलकर साजिश रची और इस सनसनीखेज हत्याकांड को अंजाम दे डाला। पुलिस ने आरोपी दोस्त अमर के पास से 280 ग्राम हैरोइन भी बरामद की है, जो उसने बीसलपुर में नदी के पास छुपा दी थी।