गरीबों के निवाले से हर माह सवा करोड़ की अवैध कमाई

Edited By Punjab Kesari,Updated: 18 Dec, 2017 07:02 PM

poverty earning of twenty crores of earnings every month

उत्तर प्रदेश के सहारनपुर जिले में फर्जी राशन कार्डों की जांच के बाद जो स्थिति सामने आई है उससे स्पष्ट है कि पिछली सरकार की हुकूमत में प्रतिमाह गरीबों का राशन बेच जलापूर्ति विभाग ने 1.25 क...

सहारनपुर: उत्तर प्रदेश के सहारनपुर जिले में फर्जी राशन कार्डों की जांच के बाद जो स्थिति सामने आई है उससे स्पष्ट है कि पिछली सरकार की हुकूमत में प्रतिमाह गरीबों का राशन बेच जलापूर्ति विभाग ने 1.25 करोड़ रुपए डकारे हैं। इसमें फूड कमिश्नर से लेकर दुकानदार तक का क्या शेयर रहा होगा, इसका खुलासा तो नहीं हो पा रहा है पर पूरे जिले में पकड़े गए 61,504 फर्जी राशन कार्डों ने सवा करोड़ रुपए हर माह की लूट का खुलासा कर दिया है।

हालांकि जिलाधिकारी इस आंकड़े को सही नहीं मान रहे हैं क्योंकि दोबारा डी.सी.ओ. की जांच में और फर्जी कार्डों के मिलने से वह ईमानदार अधिकारियों से दोबारा जांच कराने के मूड में हैं।

जांच में मिले राशन कार्ड फर्जी
मिली जानकारी के अनुसार प्रदेश की सत्ता पर काबिज होने के बाद योगी सरकार ने अन्य तमाम घोषणाओं के साथ हर जिले में राशन कार्डों की जांच कराने का आदेश दिया था। उसी आदेश के बाद जिलाधिकारी ने 2 दर्जन से अधिक अधिकारियों को लगाकर दुकानवार राशन कार्डों की जांच कराई थी। जांच में शहरी क्षेत्र में 23,747 और ग्रामीण क्षेत्रों में 37,757 राशन कार्ड फर्जी (अपात्रों के नाम) मिले थे। इन पर हर माह खाद्यान्न भी उठता रहा। एक राशन कार्ड पर ऑन एवरेज 2 रुपए प्रति किलाग्राम की दर से 10 किलोग्राम गेहूं और 4 रुपए प्रति किलोग्राम की दर साढ़े 3 किलोग्राम चावल मिलता था।

34 लाख रुपए प्रति माह की जाती काली कमाई
राशन के दुकानदार बिना कार्ड वाले ग्राहक को गेहूं 15 रुपए और चावल 20 रुपए प्रति किलोग्राम की दर से दिया करते थे। गेहूं में 13 रुपए और चावल में 16 रुपए प्रति किलोग्राम अधिक लेते थे। इसके हिसाब से 61,504 राशन कार्ड पर वह हर माह लगभग 6150 क्विंटल गेहूं और 2152 क्विंटल चावल का उठान करते थे। जून माह 2017 से पूर्व जलापूर्ति विभाग अधिकारियों की मर्जी से लगभग 6150 क्विंटल गेहूं और 2152 क्विंटल चावल काले बाजार में पहुंचा कर गेहूं से लगभग 80 लाख रुपए और चावल से लगभग 34 लाख रुपए प्रति माह की काली कमाई की जाती रही है।

अभी और फर्जी राशनकार्डों के होने की संभावना-जिलाधिकारी
फर्जी राशन कार्ड तो निरस्त हो गए पर इनको बनाने और बनवाने वाले दोनों घपलेबाजों के खिलाफ कोई कार्रवाई अब नहीं हुई जो चर्चा का विषय बना हुआ है। इस संदर्भ में बात करने पर अपर जिलाधिकारी प्रशासन एस.के. दूबे कहते हैं कि और फर्जी राशनकार्डों के होने की संभावना अभी है। जिसकी जांच एक बार और कराई जाएगी। जलापूर्ति विभाग अधिकारी सतीश कुमार मिश्र को निर्देश दिए गए हैं कि वह उन दुकानदारों को चिन्हित करें जहां फर्जी राशन कार्डों के होने की संभावना है।   
 

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