Edited By Punjab Kesari,Updated: 19 Sep, 2017 02:05 PM
इलाहाबाद हाईकोर्ट ने प्रदेश के विभिन्न जिलों में राजकीय बालिका इंटर कॉलेज में शौचालय, बिजली व शुद्ध पेयजल उपलब्ध कराने का निर्देश दिया है....
इलाहाबादः यूपी में सरकारी कॉलेजों में पढ़ने वाली छात्राओं को शुद्ध पानी मुहैया नहीं कराए जाने पर इलाहाबाद हाईकोर्ट ने गहरी नाराजगी जताते हुए अफसरों को कड़ी फटकार लगाई है। कोर्ट ने प्रदेश के विभिन्न जिलों में राजकीय बालिका इंटर कॉलेज में शौचालय, बिजली व शुद्ध पेयजल उपलब्ध कराने का निर्देश दिया है। इस मामले में बलिया, आगरा, अलीगढ़, महोबा के जिलाधिकारी की ओर से दाखिल हलफनामों पर कोर्ट ने असंतोष जताया, साथ ही प्रमुख सचिव व इन सभी से व्यक्तिगत हलफनामा मांगा है।
जिलाधिकारियों से मांगा हलफनामा
बता दें कि यह आदेश न्यायमूर्ति अरुण टंडन तथा न्यायमूर्ति ऋतुराज अवस्थी की खंडपीठ ने विनोद कुमार सिंह की जनहित याचिका की सुनवाई करते हुए दिया है। जौनपुर व श्रवस्ती के जिलाधिकारी की ओर से हलफनामा न दाखिल करने पर कोर्ट ने उनसे व्यक्तिगत हलफनामा मांगा है और कहा कि यदि हलफनामा दाखिल नहीं करते तो डीएम स्वयं हाजिर हों।
शुद्ध पेयजल उपलब्ध कराने का दिया निर्देश
कोर्ट ने इंडिया मार्का हैंडपंप से पेयजल आपूर्ति पर आपत्ति करते हुए पूछा कि अधिकारी किस तरह का पानी पी रहे हैं। यदि जिलाधिकारी अपने आवास व कार्यालय में आरओ का पानी पी रहे हैं तो लड़कियों के स्कूल में ऐसा पानी क्यों नहीं दिया जा सकता? कोर्ट ने कहा कि जैसा पानी स्कूल में लड़कियों को दिया जा रहा है क्यों न वैसा ही पानी अधिकारियों को भी दिया जाए। कोर्ट ने इस मामले में प्रमुख सचिव से कार्रवाई रिपोर्ट तलब की है, याचिका पर अगली सुनवाई 21 सितंबर को होगी।
सबमर्सिबल पंप से पानी की हो आपूर्ति
कोर्ट ने राजकीय बालिका विद्यालयों में पेयजल, शौचालय व विद्युत आपूर्ति की व्यवस्था कर फोटोग्राफ के साथ हलफनामा मांगा था। कुछ जिलों के जिलाधिकारी ने हलफनामा दाखिल कर जो व्यवस्था की जानकारी दी उसे कोर्ट ने संतोषजनक नहीं माना। कोर्ट ने कहा कि सबमर्सिबल पंप से टंकी के जरिए पानी की आपूर्ति हो। कॉलेज में विद्युत कनेक्शन हो और शुद्ध पेयजल आपूर्ति की जाए।