Edited By ,Updated: 11 Jun, 2016 08:10 AM
आखिर रेल एक्ट का उल्लंघन करना रेलमंत्री सुरेश प्रभु को भारी पड़ेगा क्योंकि बीते 7 जून को मेरठ में चलती ट्रेन से उतरने के मामले में उनके खिलाफ कानपुर की मुख्य...
सहारनपुर/कानपुर: आखिर रेल एक्ट का उल्लंघन करना रेलमंत्री सुरेश प्रभु को भारी पड़ेगा क्योंकि बीते 7 जून को मेरठ में चलती ट्रेन से उतरने के मामले में उनके खिलाफ कानपुर की मुख्य महानगर मैजिस्ट्रेट के न्यायालय में परिवाद दाखिल किया गया है।
मामले को संज्ञेय बताते हुए वादी के अधिवक्ताओं ने रेलमंत्री को तलब कर दंडित करने की अपील न्यायालय से की है। 27 जून को न्यायालय वादी के बयान दर्ज करेगी। कानपुर के बादशाहीनाका निवासी अधिवक्ता नमन गुप्ता ने न्यायालय में प्रार्थना पत्र दिया। आरोप लगाया कि रेलमंत्री चलती ट्रेन से ही प्लेटफार्म पर उतर गए जो रेलवे अधिनियम के तहत अपराध की श्रेणी में आता है।
वादी ने अपने परिवाद में कहा है कि रेलमंत्री के इस अवैधानिक और विधि विरुद्ध कृत्य से जन साधारण भी प्रेरित होगा और उनमें विधि विरुद्ध कार्य को अंजाम देने का दुस्साहस पैदा होगा। उन्होंने परिवाद के पक्ष में दलील दी है कि चूंकि घटना की जानकारी कानपुर में हुई लिहाजा इस न्यायालय को सुनवाई का क्षेत्राधिकार प्राप्त है।