Edited By ,Updated: 14 Dec, 2015 12:59 PM
उत्तर प्रदेश में ग्राम प्रधान और ग्राम सभा सदस्य के लिए चार चरणों में हुए चुनाव के अधिकांश परिणाम कल देर रात घोषित कर दिये गये। इस दौरान 57,679 ग्राम पंचायत और 3,68,363 ग्राम सभा सदस्यों के चुनाव परिणाम घोषित कर दिये गये थे। 200 ग्राम प्रधान और...
वाराणसी: उत्तर प्रदेश में ग्राम प्रधान और ग्राम सभा सदस्य के लिए चार चरणों में हुए चुनाव के अधिकांश परिणाम कल देर रात घोषित कर दिये गये। इस दौरान 57,679 ग्राम पंचायत और 3,68,363 ग्राम सभा सदस्यों के चुनाव परिणाम घोषित कर दिये गये थे। 200 ग्राम प्रधान और 3,07,440 ग्राम सभा सदस्य निर्विरोध चुने गये हैं।
उत्तर प्रदेश में प्रधानी चुनाव को लेकर जिस सीटों पर लोगों की सबसे ज्यादा नजरें टिकीं रहीं वह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के गोद लिए गांव जयापुर की है। इस गांव को नारायण सिंह पटेल के रूप में नया प्रधान मिला है। रविवार को आए नतीजे में 56 साल के नारायण सिंह महज 18 वोटों के अंतर से ही जीतने में सफल रहे। आपको बता दें कि नारायण सिंह पटेल निवर्तमान प्रधान दुर्गावती के देवर हैं। सूत्रों के मुताबिक पारिवारिक दबाव की वजह से दुर्गावती को मैदान से हटना पड़ा और उनके देवर नारायण सिंह पटेल की जीत का रास्ता साफ हो गया।
इंडियन एक्सप्रेस के मुताबिक, 'नारायण सिंह ने जीत के बाद बताया, मेरी भाभी की राजनीति में रूचि खत्म हो चुकी थी और वह कोई चुनाव नहीं लडऩा चाहती थी। ऐसे में मैंने मैदान में किस्मत आजमाई। मुझे खुशी है कि प्रधानी पद मेरे परिवार के पास ही रहा।'
हालांकि, स्थानीय लोगों का कहना है, 'दुर्गावती चुनाव लडऩा चाहती थी, लेकिन पारिवारिक दबाव के कारण उन्हें पांव पीछे करने पड़े। यहां तक कि दुर्गावती ने नॉमिनेशन पेपर भी तैयार कर लिया था, लेकिन वह उसे फाइल नहीं कर पाई।' नारायण का कहना है कि बीजेपी ने दिल से उसे समर्थन नहीं किया। इसी वजह से उसका जीत का अंतर कम रहा। नारायण को 844 वोट मिले, वहीं उसके प्रतिद्वंद्वी को 826 मत मिले। दिलचस्प बात यह है कि नारायण सिंह पटेल बनारस हिंदू यूनिवर्सिटी से लॉ ग्रैजुएट हैं, वहीं दुर्गावती ने स्कूल की पढ़ाई बीच में ही छोड़ दी थी।
गौरतलब है कि यूपी के वाराणसी के जयापुर गांव को प्रधानमंत्री ने सांसद आदर्श ग्राम योजना के तहत गोद लिया था। गोद लेने के बाद इस गांव के विकास में जबर्दस्त बदलाव आया है।