Edited By Nitika,Updated: 13 Jul, 2018 02:54 PM
उत्तराखंड में नैनीताल हाईकोर्ट ने धर्म और जाति आदि के भेदभाव को मिटाने के लिए एक बड़ा फैसला लिया है। कोर्ट ने निर्देश देते हुए कहा कि मंदिरों में उच्च कुलीन पंडितों से लेकर निम्न जाति के श्रद्धालुओं को पाठ-पूजा करने से मना नहीं किया जाएगा।
नैनीतालः उत्तराखंड में नैनीताल हाईकोर्ट ने धर्म और जाति आदि के भेदभाव को मिटाने के लिए एक बड़ा फैसला लिया है। कोर्ट ने निर्देश देते हुए कहा कि मंदिरों में उच्च कुलीन पंडितों से लेकर निम्न जाति के श्रद्धालुओं को पाठ-पूजा करने से मना नहीं किया जाएगा।
जानकारी के अनुसार, हाईकोर्ट के न्यायमूर्ति राजीव शर्मा और न्यायमूर्ति लोकपाल सिंह की खंडपीठ ने सुनवाई करते हुए निर्देश जारी किए हैं। कोर्ट ने कहा कि मंदिर में किसी भी धर्म और जाति के लोग जा सकते हैं। किसी के साथ भी धर्म और जाति आदि के नाम पर भेदभाव नहीं किया जाएगा। इसके साथ ही कोर्ट ने निर्देश देते हुए कहा कि एससी, एसटी और अन्य नि्म्न वर्ग के लोगों को राज्य के किसी भी मंदिरों में जाने और पूजा करने से रोका ना जाए।
इसके अतिरिक्त खंडपीठ ने सर्वोच्च न्यायालय के निर्देशों के क्रम में कहा कि मंदिरों का पुजारी किसी भी जाति का हो सकता है लेकिन वह पुजारी पद के लिए प्रशिक्षित और योग्य होना चाहिए। बता दें कि हाईकोर्ट ने राजस्थान निवासी पुखराज और अन्य की जनहित याचिका पर सुनवाई के दौरान यह फैसला लिया है।