Edited By Ramanjot,Updated: 10 Apr, 2021 03:41 PM
पुराने समय से ग्रामीण इलाकों में महिलाओं के घास काटने के लिए दरांति लोहार बनाया करते थे लेकिन अब धीरे-धीरे लोहारों की संख्या कम होती जा रही है। कम आमदनी के कारण लोहार लोहे के औजारों को बनाने में कम रुचि ले रहे हैं, जिसके चलते ग्रामीण महिलाओं को घास...
देहरादून(कुलदीप रावत): सहकारिता मंत्री डॉक्टर धन सिंह रावत की दूरदर्शी सोच का ही यह परिणाम है कि आज राठ विकास अभिकरण पूरे उत्तराखंड के हर जनमानस के बीच चर्चा का विषय बना हुआ है। इसका जीता जागता उदाहरण घसियारी किट योजना है।
पुराने समय से ग्रामीण इलाकों में महिलाओं के घास काटने के लिए दरांति लोहार बनाया करते थे लेकिन अब धीरे-धीरे लोहारों की संख्या कम होती जा रही है। कम आमदनी के कारण लोहार लोहे के औजारों को बनाने में कम रुचि ले रहे हैं, जिसके चलते ग्रामीण महिलाओं को घास काटने के लिए बाहर से दरांति मंगवानी पड़ रही है। अब ऐसे में माननीय सहकारिता मंत्री डॉ. धन सिंह रावत के द्वारा घसियारी योजना के जरिए तमाम ग्रामीण महिलाओं को मात्र आंशिक शुल्क 50 जमा कर घसियारी किट उपलब्ध कराई जा रही है। इस किट में महिलाओं को दरांति रस्सी, पानी की बोतल, खाने के लिए टिफिन उपलब्ध कराया जा रहा है।
राठ विकास अभिकरण के माध्यम से मात्र 3 ब्लॉक खिर्सू पाबौ और थलीसैंण में मात्र कुछ दिनों में ही महिलाओं के द्वारा 5000 आवेदन आ चुके हैं। इतनी भारी संख्या में आवेदन मिलने के बाद राठ विकास अभिकरण के द्वारा यह निर्णय लिया गया है कि घसियारी किट वितरण कार्यक्रम अलग-अलग चरणों में आयोजित होगा। प्रत्येक चरण में प्रत्येक ग्राम पंचायत से 30-30 महिलाओं को यह किट वितरण किए जाएंगे। साथ ही किसान भाइयों को चरणबद्ध तरीके से 1000 हल भी वितरित किए जाएंगे। अभी घसियारी किट वितरण योजना के लिए आवेदन किए जा रहे हैं। माननीय सहकारिता मंत्री डॉ. धन सिंह रावत का यही लक्ष्य है कि हर माता बहन इस योजना से लाभान्वित हो।