उत्तराखंड ‘नए भारत’ के निर्माण में महत्वपूर्ण भागीदारी के लिए संकल्पबद्ध: मुख्यमंत्री

Edited By Nitika,Updated: 18 Jun, 2018 10:17 AM

uttarakhand is committed for participation in the creation of new india

उत्तराखंड के मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत रविवार को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की अध्यक्षता में नीति आयोग की चौथी गवर्निंग काउंसिल बैठक में शामिल हुए। इस दौरान उन्होंने कहा कि वर्ष 2022 तक ‘नए भारत’ के निर्माण के लिए उत्तराखंड सरकार 25...

देहरादूनः  उत्तराखंड के मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत रविवार को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की अध्यक्षता में नीति आयोग की चौथी गवर्निंग काउंसिल बैठक में शामिल हुए। इस दौरान उन्होंने कहा कि वर्ष 2022 तक ‘नए भारत’ के निर्माण के लिए उत्तराखंड सरकार 25 महत्वपूर्ण लक्ष्यों पर मिशन मोड़ में काम कर रही है। 

राज्य के विकास में जलविद्युत की भूमिका अहम 
मुख्यमंत्री ने कहा कि सरकार किसानों की आय दोगुना करने, पर्वतीय क्षेत्रों से पलायन रोकने और डिजीटल उत्तराखंड पर विशेष तौर पर ध्यान दे रही है। उन्होंने कहा कि राज्य के विकास में जलविद्युत की अहम भूमिका है और स्वीकृत जलविद्युत परियोजनाओं को बंद किया जाना राज्य के विकास के लिए उचित नहीं है। उन्होंने सुझाव देते हुए कहा कि पर्वतीय और पूर्वोत्तर राज्यों के लिए अलग से मंत्रालय का गठन किया जाना चाहिए। यदि ऐसा करना सम्भव ना हो तो नीति आयेग में ‘पर्वतीय प्रकोष्ठ’ अवश्य स्थापित किया जाना चाहिए। पर्यावरण संरक्षण में योगदान देने वाले राज्यों को प्रोत्साहित किया जाना चाहिए। इसके लिए देश में ‘ग्रीन एकाउंटिंग प्रणाली’ अपनाई जाए। 

भारत सरकार से तकनीकी और वित्तीय सहयोग का किया अनुरोध 
सीएम ने आपदा की दृष्टि से अति संवदेनशील गांवों के विस्थापन में भारत सरकार से तकनीकी और वित्तीय सहयोग का भी अनुरोध किया। उन्होंने कहा कि राज्य में प्रत्येक स्तर पर निगरानी की जा रही है। मुख्यमंत्री ‘मॉनीटरिंग डैशबोर्ड’ है और इसके माध्यम से महत्वपूर्ण योजनाओं तथा कार्यक्रमों के परिणामों की निगरानी सीधे मुख्यमंत्री के स्तर पर की जा रही है।

योजनाओं की मॉनिटरिंग के लिए बनाया गया ई-आंकलन पोर्टल
रावत ने कहा कि योजनाओं तथा कार्यक्रमों के भौतिक और वित्तीय प्रगति की मॉनिटरिंग के लिए ई-आंकलन पोर्टल बनाया गया है। कोषागार और सभी आहरण-वितरण अधिकारियों को इससे जोड़ा गया है। विकास में जनसहभागिता के लिए प्रत्येक वर्ग के साथ जन-संवाद की व्यवस्था प्रारम्भ की गई है। सेवा के अधिकार कानून के अन्तर्गत 162 नई सेवाएं और जोड़ी गई हैं। अब इसमें कुल 312 सेवाएं हो गई हैं। जन-शिकायतों के समाधान के लिए हेल्पलाइन 1905 प्रारम्भ हुई है।  

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