Edited By Moulshree Tripathi,Updated: 08 May, 2020 01:05 PM
‘गंगाद्वार’ या ‘हरि का द्वार’ नाम से प्रसिद्ध उत्तराखंड के सबसे प्राचीन शहर हरिद्वार में लॉकडाउन के बाद पिछले 40 दिनों से अस्थि विसर्जन पर लगी रोक हट गई है। ये कह सकते हैं कि हरिद्वार के तीर्थ...
हरिद्वारः ‘गंगाद्वार’ या ‘हरि का द्वार’ नाम से प्रसिद्ध उत्तराखंड के सबसे प्राचीन शहर हरिद्वार में लॉकडाउन के बाद पिछले 40 दिनों से अस्थि विसर्जन पर लगी रोक हट गई है। ये कह सकते हैं कि हरिद्वार के तीर्थ पुरोहितों का दबाव आखिरकार काम आया और गुरुवार को प्रदेश सरकार ने कैबिनेट की बैठक में प्रस्ताव पारित कर यह रोक हटा दी। बता दें कि कैबिनेट की बैठक में प्रस्ताव पारित होने के बाद अब गाड़ी चालक के अलावा दो व्यक्ति हरिद्वार आकर अपने दिवंगत परिजन की अस्थियों का विसर्जन कर सकते हैं।
शहरी विकास मंत्री मदन कौशिक ने इसकी पुष्टि करते हुए बताया कि प्रदेश सरकार ने जो निर्णय लिया है उसके अनुसार गाड़ी लेकर आने वाले चालक के अलावा दिवंगत व्यक्ति के दो परिजन भी अस्थि विसर्जन के लिए आ सकते हैं।
गौरतलब है कि लॉकडाउन लागू होने के बाद से हरिद्वार में अस्थि विसर्जन पर पूरी तरह रोक लगा दी गई थी। अन्य राज्यों से लोग अस्थियां लेकर बकायदा प्रशासन की अनुमति लेकर आ रहे थे लेकिन हरिद्वार के बॉर्डर से ही उन्हें वापस लौटना पड़ रहा था। 40 दिनों से हरिद्वार के तीर्थ पुरोहित कोई भी अस्थि विसर्जन नहीं करा पा रहे थे।