Edited By Nitika,Updated: 10 May, 2018 04:14 PM
उत्तराखंड में राज्य सरकार को सबसे अधिक राजस्व देने वाली गौला नदी में काम करने वाले मजदूरों के हक को कुछ अमीर लोगों के द्वारा छीना जा रहा है।
नैनीतालः उत्तराखंड में राज्य सरकार को सबसे अधिक राजस्व देने वाली गौला नदी में काम करने वाले मजदूरों के हक को कुछ अमीर लोगों के द्वारा छीना जा रहा है।
जानकारी के अनुसार, मामला वन विकास निगम का है, जहां गौला नदी में खनन करने वाले श्रमिकों को दी जाने वाली सुविधाओं और उनके हक को वाहन के मालिकों के द्वारा छीना जा रहा है। गौला नदी में खनन में पंजीकृत श्रमिकों की सूची में सैंकड़ों वाहन सूची के मालिकों के नाम दर्ज किए गए है। उनके पास 10 से 15 वाहन है जो कि खनन ढोने में लगे हुए हैं। अधिकारियों की मिलीभगत से अपने आप को श्रमिक दिखाकर खनन कार्य करने वाले श्रमिकों का हक मार रहे है।
यह सुविधा केवल मजदूरों के लिए बनाई गईः हरक सिंह रावत
इस मामले में विभागीय मंत्री हरक सिंह रावत ने कहा कि मामला गंभीर है। सारे मामले की जांच करवाई जाएगी। इस मामले में जो भी दोषी होगा, उसके खिलाफ सख्त से सख्त कार्रवाई की जाएगी। यह सुविधा केवल मजदूरों के लिए बनाई गई है। नदी में काम करने वाले जो लोग भी इसका गलत फायदा उठा रहे हैं, उनक खिलाफ भी सख्त कार्रवाई की जाएगी।
बता दें कि वन विभाग निगम के द्वारा प्रत्येक साल गौला नदी में काम करने वाले श्रमिकों को श्रमिक कल्याण कोष के द्वारा कंबल, दस्ताने, दवाईयां और जूते सहित अन्य सुविधाएं भी दी जाती है। इन मजदूरों को उनका हक नहीं मिल रहा है, जबकि वाहनों के मालिक इसका लाभ उठा रहे है।