Edited By Nitika,Updated: 20 Sep, 2018 12:12 PM
उत्तराखंड में विधानसभा सत्र के दूसरे दिन विपक्ष के द्वारा अतिक्रमण के खिलाफ की जा रही कार्रवाई पर सवाल खड़े किए। इस मामले पर सदन में सत्तापक्ष और विपक्ष के बीच बहस हो गई।
देहरादूनः उत्तराखंड में विधानसभा सत्र के दूसरे दिन विपक्ष के द्वारा अतिक्रमण के खिलाफ की जा रही कार्रवाई पर सवाल खड़े किए। इस मामले पर सदन में सत्तापक्ष और विपक्ष के बीच बहस हो गई।
नेता प्रतिपक्ष ने सदन में नियम 310 के तहत चर्चा की रखी मांग
जानकारी के अनुसार, सदन के दूसरे दिन की कार्रवाई के दौरान नेता प्रतिपक्ष इंदिरा हृदयेश की अगुआई में विपक्ष ने राज्य सरकार की अतिक्रमण के खिलाफ की जा रही कार्रवाई पर नियम 310 के अन्तर्गत चर्चा करवाने की मांग की लेकिन विधानसभा अध्यक्ष प्रेमचंद अग्रवाल ने इसे नियम 58 के तहत स्वीकार किया। नेता प्रतिपक्ष ने गरीब और असहाय लोगों क घर तोड़े जाने का विरोध किया। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार से उन्हें संरक्षण दिलवाते हुए कानून बनाकर हाईकोर्ट में उनका पक्ष रखा जाए।
हाईकोर्ट में मामला विचाराधीनः मदन कौशिक
वहीं सरकार के प्रवक्ता और शहरी विकास मंत्री मदन कौशिक ने कहा कि हाईकोर्ट में मामला विचारधीन होने के चलते समीक्षा नहीं की जा सकती है। इसके साथ ही मदन कौशिक ने कहा कि जिस तरह से मलिन बस्तियों के लिए अध्यादेश लाकर सरकार ने उन्हें 3 साल के लिए राहत प्रदान की है। इसी तरह से शहर के मुख्य मार्गों को छोड़कर गली मोहल्लों में अतिक्रमण की कोई भी कार्रवाई नहीं की जा रही है।