Edited By Nitika,Updated: 26 Apr, 2019 02:15 PM
उत्तराखंड में 100 साल पहले बद्रीनाथ और केदारनाथ धाम की यात्राएं पैदल ही हुआ करती थी। यह पैदल यात्रा ऋषिकेश से शुरू होकर अलग-अलग पड़ाव पर पूरी हुआ करती थी। उस समय बद्रीनाथ और केदारनाथ धाम में आने वाले श्रद्धालु लगभग एक महीने में अपनी यात्रा पूरी करते...
देहरादूनः उत्तराखंड में 100 साल पहले बद्रीनाथ और केदारनाथ धाम की यात्राएं पैदल ही हुआ करती थी। यह पैदल यात्रा ऋषिकेश से शुरू होकर अलग-अलग पड़ाव पर पूरी हुआ करती थी। उस समय बद्रीनाथ और केदारनाथ धाम में आने वाले श्रद्धालु लगभग एक महीने में अपनी यात्रा पूरी करते थे। राज्य सरकार एक बार फिर से विलुप्त हो चुके इन पौराणिक चारधाम यात्रा मार्गों को खोज रही है।
जानकारी के अनुसार, पौराणिक चारधाम यात्रा मार्गों को खोजने के कार्य की जिम्मेदारी राज्य सरकार के द्वारा एसडीआरएफ को दी गई है। वहीं पुलिस मुख्यालय ने एसडीआरएफ के 2 अनुभवी दलों को जीपीएस और नक्शे के साथ इन पौराणिक मार्गों की खोज पर भेज दिया है। एसडीआरएफ की 2 अलग-अलग टीम बद्रीनाथ और केदारनाथ मार्ग पर पौराणिक मार्गो की खोज पर निकल चुके हैं।
वहीं डायरेक्टर जनरल लॉ एंड ऑर्डर अशोक कुमार का कहना है कि इन पौराणिक मार्गों के खुलने से श्रद्धालु एडवेंचर ट्रैकिंग के साथ तीर्थ यात्रा भी कर सकेंगे। बता दें कि चारधाम यात्रा शुरू होने में अब कुछ ही समय शेष रह गया है।