यूपी की तर्ज पर उत्तराखंड में भी मिलकर चुनाव लडेंगा सपा-बसपा गठबंधन

Edited By Tamanna Bhardwaj,Updated: 17 Mar, 2019 11:01 AM

sp bsp to fight elections together in uttarakhand

समाजवादी पार्टी (सपा) और बहुजन समाज पार्टी (बसपा) उत्तर प्रदेश की तर्ज पर उत्तराखंड में भी मिलकर चुनाव लडेंगी और आम चुनावों में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) को जोरदार टक्कर देंगी। दोनों दलों के बीच उत्तराखंड में सीटों को लेकर भी सहमति हो गयी है। बसपा...

लखनऊ/ नैनीतालः समाजवादी पार्टी (सपा) और बहुजन समाज पार्टी (बसपा) उत्तर प्रदेश की तर्ज पर उत्तराखंड में भी मिलकर चुनाव लडेंगी और आम चुनावों में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) को जोरदार टक्कर देंगी। दोनों दलों के बीच उत्तराखंड में सीटों को लेकर भी सहमति हो गयी है। बसपा चार तो सपा एक सीट पर चुनाव लड़ेंगी। पौड़ी से अखिलेश यादव की धर्मपत्नी डिम्पल यादव चुनाव मैदान में उतर सकती हैं।

सपा और बसपा के दिग्गज नेताओं ने एक संयुक्त प्रेसवार्ता को संबोधित किया। जिसमें बसपा की ओर से लोकसभा प्रदेश प्रभारी नंद गोपाल गौतम और सपा की ओर से प्रदेश महासचिव शोएब अहमद शामिल हुए। दोनों पार्टियों की ओर से राज्य में मिलकर चुनाव लडऩे पर सहमति व्यक्त की गयी और दावा किया कि सपा-बसपा गठबंधन से भाजपा में घबराहट का माहौल बना हुआ है और उसके कई प्रत्याशी अभी से मैदान छोडऩे को मजबूर हैं। उन्होंने कहा कि खासकर उत्तर प्रदेश में भाजपा के अंदर ऐसी ही स्थिति बनी हुई है।

उन्होंने दावा किया कि दोनों दलों के बीच सीटों को लेकर भी सहमति बन गयी है। बसपा उत्तराखंड की चार सीटों पर जबकि सपा एक सीट पर चुनावी मैदान में उतरेगी। सपा के खाते में पौड़ी सीट आयी है और बसपा के खाते में नैनीताल-ऊधमसिंह नगर, अल्मोड़ा-पिथौरागढ़, हरिद्वार एवं टिहरी की लोकसभा सीटें आयी हैं। बसपा की ओर से नैनीताल, अल्मोड़ा और हरिद्वार सीटों पर प्रत्याशियों के नामों का एलान कर दिया गया है। नैनीताल से राजेश दुबे, अल्मोड़ा से सुदंर धोनी जबकि हरिद्वार से डा. अंतरिक्ष सैनी को बसपा की ओर से प्रत्याशी बनाया गया है। टिहरी सीट पर प्रत्याशी के नाम का एलान अभी नहीं किया गया है जबकि सपा एकमात्र पौड़ी सीट पर अभी प्रत्याशी की तलाश में है। ऐसा माना जा रहा है कि पार्टी इस सीट पर ङ्क्षडपल यादव को उतार सकती है।

गठबंधन दल की ओर से दावा किया गया कि चुनाव में कालाधन और देश में किसानों की दुर्दशा को चुनावी मुद्दा बनाया जायेगा। उन्होंने आरोप लगाया कि भाजपा चुनाव जीतने के लिये सेना के नाम का दुरूपयोग कर रही है। अभी तक देश के इतिहास में किसी भी राजनीतिक दल की ओर से सेना के नाम का इस्तेमाल नहीं किया गया। भाजपा अपवाद है। गठबंधन इसका विरोध करेगा। दोनों दलों ने आखिरकार आज कांग्रेस को भी नहीं बख्शा। साथ ही यह भी राजफाश कर दिया कि उन्होंने कांग्रेस को गठबंधन में क्यों शामिल नहीं किया।

उन्होंने कहा कि कांग्रेस पूरी तरह से खत्म हो गयी है। कांग्रेस प्रमुख विपक्षी दल की भूमिका में भी नहीं आ पायी है। कांग्रेस आम चुनावों में इससे भी बुरी स्थिति में रहेगी। उन्होंने यह भी दावा किया कि सपा-बसपा गठबंधन भाजपा को कड़ी टक्कर देगा। गठबंधन से भाजपा में बौखलाहट है। गठबंधन के डर से भाजपा के प्रत्याशी मैदान छोडऩे लगे हैं।

 

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