Edited By Punjab Kesari,Updated: 29 Apr, 2018 06:43 PM
दुनिया के सामने ढ़ोंगी-पाखंडी बाबा के रूप में अब उजागर हुए बलात्कारी बाबा आसाराम की पोल नैनीताल में लगभग 60 साल पहले ही खुल गई थी। नैनीताल जिले के स्वामी लीलाशाह ने दुष्कर्मी आसाराम बापू को अपनी इन्हीं हरकतों के कारण अपने आश्रम से बाहर निकाल दिया था।
नैनीतालः दुनिया के सामने ढ़ोंगी-पाखंडी बाबा के रूप में अब उजागर हुए बलात्कारी बाबा आसाराम की पोल नैनीताल में लगभग 60 साल पहले ही खुल गई थी। नैनीताल जिले के स्वामी लीलाशाह ने दुष्कर्मी आसाराम बापू को अपनी इन्हीं हरकतों के कारण अपने आश्रम से बाहर निकाल दिया था।
जानकारी के अनुसार, आसाराम बापू स्वामी लीलाशाह के आश्रम में अपनी पत्नी को लेकर उनका शिष्य बनने पहुंचा था लेकिन संत लीलाशाह के आश्रम से उसे चारित्रिक दोषों के कारण बाहर निकाला गया था। सरोवर नगरी और आसपास के क्षेत्र बाहरी तोर पर पर्यटन तौर पर शांति-अध्यात्म देने के लिए मशहूर है। इसीलिए यह नगर नीब करौरी बाबा, हरदा बाबा, स्वामी लीलाशाह और सोमवारी बाबा सहित अनेक बाबाओं की भी तपस्थली रही है।
इसी आकर्षण में 1964 के आसपास आसाराप भी यहां आया था। सन 1940 में यहां आए गुजरात के संत लीलाशाह के हनुमानगढ़ी मंदिर के समीप 1956 में स्थापित आश्रम में उसने शरण ली थी। इस दौरान 1964 में उसने स्वयं को स्वामी का शिष्य घोषित कर दिया लेकिन सच्चाई यह बताई जाती है कि उसकी संदिग्ध गतिविधियां शुरू में ही पत्नी के साथ सामने आने लगी। उनकी रसिक मिजाजी जल्द ही त्रिलोकदर्शी स्वामी लीलाशाह की नजर में आ गई और उसे आश्रम से बाहर निकाल दिया गया था।