मानव अंगों की तस्करी से उत्तराखंड में मचा हड़कम्प

Edited By Punjab Kesari,Updated: 12 Sep, 2017 10:04 AM

smuggling of human organs in uttarakhand

उत्तराखंड मानव अंगों की तस्करी का अड्डा बनता जा रहा है। यहां कई प्रमुख चिकित्सालय इस काम में जुड़े हुए हैं। दून के साथ-साथ हरिद्वार भी इस काम में पीछे नहीं है।

देहरादून: उत्तराखंड मानव अंगों की तस्करी का अड्डा बनता जा रहा है। यहां कई प्रमुख चिकित्सालय इस काम में जुड़े हुए हैं। दून के साथ-साथ हरिद्वार भी इस काम में पीछे नहीं है। देवभूमि की राजधानी देहरादून और धर्मनगरी हरिद्वार में पृथ्वी पर भगवान के स्थान पर पूजे जाने वाले चिकित्सकों का यह खुला खेल चल रहा है, जो लोगों की जिंदगियों से खिलवाड़ किया जा रहा है। 

ऐसे ही एक किडनी रैकेट का खुलासा हुआ है जो दून व हरिद्वार दोनों में चल रहा है। लालतप्पड़ क्षेत्र में चल रहे एक निजी अस्पताल में यह खेल सालों से जारी है, जिसकी जानकारी पर पुलिस प्रशासन द्वारा छापामारी कर काफी कुछ जानकारियां जुटाई गई हैं। यह भी पता चला है कि इस मामले में लालतप्पड़ के एक निजी अस्पताल में छापामारी कर इस खेल का पर्दाफाश किया गया। इस अस्पताल में मजबूरी का फायदा उठाकर लोगों की किडनी निकाल ली जाती थी। इसी बारे पीड़ित कोलकाता निवासी कृष्णादास व शेख अली ने अस्पताल प्रशासन के खिलाफ शिकायत की थी।

सूत्रों की मानें तो यह खेल महीनों से चल रहा है। सूत्रों के अनुसार सप्तऋषि चौक के पास पुलिस ने एक वाहन देखा, वाहन संख्या (यू.ए.-08 टी.ए.-5119) में एक महिला और पुरुष को दिल्ली ले जाया जा रहा था। इस वाहन में 2 महिलाएं और 2 पुलिस अधिका्री थे। वाहन में भाव जी भाई पुत्र टापू भाई ठाकुर निवासी प्रजापति कलामू ग्राम सिंघाली खेड़ा गुजरात, शेख ताज अली पुत्र मुशर्रफ अली कंचा रोड देहाजा बंगाल, सुषमा बनर्जी पत्नी विपुल बनर्जी जोए नगर 24 परगना व कृष्णादास पत्नी विश्वजीत दास पश्चिमी बंगाल मिले। वाहन चालक दीपक कुमार पुत्र बीरबल हरिद्वार इनको ले जा रहा था।

पूछताछ करने पर पता चला कि शहर के एक अस्पताल के माध्यम से ये लोग पहुंचे थे, जहां पहले कृष्णादास व शेखताज अली की किडनी निकाली गई और उसके बाद अन्य दोनों मरीजों की किडनी निकाली जानी थी, जिस पर जावेद खान द्वारा पैसे नहीं दिए गए थे। जावेद खान द्वारा उन्हें कथित रूप से किडनी दिलवाने की एवज में भुगतान मिलना था। जावेद के पास ओमान के 2 टिकट भी मिले हैं, जिससे पता चलता है कि वह बाहर भागना चाह रहा था। पीड़ित ने बताया कि उसने अपनी किडनी  4 लाख में बेची थी। दोनों पीड़ितों को निजी चिकित्सालय में भर्ती करवाया गया।

इस मामले में पुलिस ने 5 लोगों को पकड़ा है, जिनमें 4 लोग किडनीदाता व एक दलाल था। दलाल जावेद मुम्बई का रहने वाला है, उसने 2 चिकित्सकों डा. अमित शर्मा व अक्षय कुमार का नाम बताया है जो किडनी रैकेड में शामिल हैं। इसी प्रकार कैंटीन संचालक राजीव चौधरी को भी इस मामले में शामिल बताया गया है। एस.एस.पी. क्राइम प्रकाश चंद्र के अनुसार जावेद से इस मामले में सुराग मिले थे, उसी सुराग के आधार पर हरिद्वार व दून पुलिस ने एक चैरीटेबल अस्पताल में छापामारी की, लेकिन आरोपी तब तक फरार हो चुके थे।

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