Edited By Nitika,Updated: 10 Mar, 2019 01:56 PM
उत्तराखंड की धर्मनगरी हरिद्वार में गंगा की निर्मलता और अविरलता को बनाए रखने के लिए काम करने वाली संस्था मातृ सदन के परमाध्यक्ष स्वामी शिवानंद ने जिला प्रशासन को स्वामी सानंद की मौत के लिए जिम्मेदार ठहराया है।
हरिद्वारः उत्तराखंड की धर्मनगरी हरिद्वार में गंगा की निर्मलता और अविरलता को बनाए रखने के लिए काम करने वाली संस्था मातृ सदन के परमाध्यक्ष स्वामी शिवानंद ने जिला प्रशासन को स्वामी सानंद की मौत के लिए जिम्मेदार ठहराया है। उन्होंने कहा कि स्वामी सानंद की मौत के बाद उनकी लड़ाई को आगे बढ़ाते हुए संत आत्मबोधानंद का अनशन पिछले 136 दिनों से लगातार जारी है।
जानकारी के अनुसार, हरिद्वार में स्वामी शिवानंद ने प्रेस कॉन्फ्रेंस करते हुए कहा कि राष्ट्रीय स्वच्छ गंगा मिशन द्वारा 9 अक्टूबर को सीपीसीबी के आदेश को लागू करने के लिए हरिद्वार के डीएम को पत्र भेजा गया था। इस पत्र में रायवाला से लेकर भोगपुर तक खनन पर पूर्णतया रोक लगाने का आदेश दिया गया था लेकिन जिला प्रशासन ने स्वामी सानंद से इस आदेश को छुपाया। इसके साथ ही प्रशासन के द्वारा स्वामी सानंद को जबरन उठाकर अस्पताल में भर्ती करवाया गया, जहां 24 घंटे में उनकी मौत भी हो गई।
वहीं स्वामी शिवानंद का कहना है कि 9 मार्च से उनके अनशन के समर्थन में एक पैदल यात्रा दिल्ली से रवाना होगी, जो 17 मार्च को हरिद्वार मातृ सदन आश्रम पहुंचेगी। इस यात्रा में कई समाजसेवी और राजनितिक संगठनों से जुड़े लोग शामिल होंगे। इसी बीच 16 मार्च को ही मद्रास से भी एक दल हरिद्वार पहुंच रहा है जो मातृ सदन जैसी तपोभूमि को नमन करेगा। बता दें कि स्वामी सानंद की मौत के बाद संत आत्मबोधनंद द्वारा 136 दिनों से उनकी लड़ाई जारी है।