दिल्ली और मुंबईवासियों को भी मिलेंगे अब उत्तराखंड के पहाड़ी प्रोडक्ट, निबंधक सहकारिता ने दिए निर्देश

Edited By Nitika,Updated: 06 Sep, 2021 01:11 PM

people of delhi and mumbai will also get hilly products

सहकारिता विभाग के निबन्धक आनंद स्वरूप ने राज्य सहकारी संघ मुख्यालय पहुंचकर वर्चुअल माध्यम से जनपद हरिद्वार, उधमसिंहनगर, देहरादून, नैनीताल के धान खरीद केंद्रों की समीक्षा बैठक की।

 

देहरादून(कुलदीप रावत): सहकारिता विभाग के निबन्धक आनंद स्वरूप ने राज्य सहकारी संघ मुख्यालय पहुंचकर वर्चुअल माध्यम से जनपद हरिद्वार, उधमसिंहनगर, देहरादून, नैनीताल के धान खरीद केंद्रों की समीक्षा बैठक की।

निबंधक स्वरूप ने बताया कि पिछले साल की तुलना में एक क्रय केंद्र ज्यादा खोलें। किसानों को उचित मूल्य के लिए लोक कल्याणकारी राज्य के लिए सहकारिता विभाग महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है। उन्होंने राज्य सहकारी संघ से अपेक्षा की भारत के विभिन्न राज्यों में राज्य की तरफ से विपणन मेलों में प्रतिभाग करें और उत्तराखंड की उत्पाद की प्रदर्शनी लगाएं और उत्तराखंड में उत्पादित होने वाले अनाजों, दालों और अन्य फसलों का उचित मूल्य प्रदान कर यहां के किसानों को लाभ प्रदान करें।
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निबन्धक ने कहा कि सभी क्रय केंद्रों की रिपोर्ट 4 दिन के भीतर रजिस्ट्रार कार्यालय में दी जाए। वह 1 सप्ताह के भीतर पुनः धान खरीद केंद्रों की समीक्षा करेंगे। उन्होंने कहा कोऑपरेटिव प्राइमरी विकास का आधार है भविष्य कॉपरेटिव पर ही निर्भर है कॉपरेटिव की संस्थाओं को मजबूत किया जाए। उन्होंने कहा कि एनआरएलएमकेएफएलएस कॉपरेटिव समितियों से जोड़ दिए गए हैं। निबन्धक स्वरूप ने कहा कि, उत्तराखंड सहकारी संघ को मजबूत किया जाएगा। उन्होंने निर्देश दिए कि संघ 2 बड़े स्टोर मुंबई और दिल्ली में खोले। उन स्टोरों में पहाड़ी दालें, लाल चावल पहाड़ी प्रोडक्ट बेचे जाए ताकि उत्तराखंड संस्कृति को भी बढ़ावा मिल सके। महानगरों में पहाड़ी दालों और चावल की बहुत डिमांड रहती है।

यूसीएफ के एमडी एमपी त्रिपाठी ने बताया कि हरिद्वार और देहरादून में 7-7 समितियां धान की खरीद करेंगी। जिन क्रय संस्थाओं में स्टाफ की कमी है वहां 3 माह के लिए कार्मिक उपलब्ध करवाए जाएंगे ताकि धान क्रय केंद्रों को सही ढंग से चलाया जा सके। यूसीएफ के प्रबंध निदेशक त्रिपाठी ने समितियों सहकारी संस्थाओं के क्रय केंद्रों को विश्वास दिलाया है कि इस खरीद वर्ष में एक भी रुपए का व्यय संस्थाओं को नहीं करने दिया जाएगा। सभी आवश्यक सुविधाएं, यूसीएफ के माध्यम से की जाएगी, जिससे किसानों को उनकी उपज का उचित मूल्य प्रदान किया जा सके।
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प्रबंध निदेशक ने बताया कि खाद्य विभाग द्वारा पिछले 2 वर्षों हैंडलिंग और परिवहन के भुगतान प्राप्त न होने के कारण समस्याएं आ रही हैं, जिससे सहकारी समितियां क्रय करने में स्वयं को पीछे हट रही हैं क्योंकि उनके द्वारा हैंडिंग और परिवहन का भुगतान पूर्व में किया जा चुका है और उन्हें यूसीएफ से धन प्राप्त नहीं हो पा रहा है क्योंकि यूसीएफ को खाद्य विभाग ने भुगतान नहीं किया। खाद्य विभाग से भुगतान करने का अनुरोध भी किया गया है। उन्होंने कहा यूसीएफ पहाड़ी उत्पादों की खरीद कर ऑनलाइन बिक्री प्रदेशों में कर रहा है।
 

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