अंशकालिक कर्मचारीयों ने अपनी मांगो को लेकर सचिवालय के बाहर किया प्रदर्शन

Edited By Punjab Kesari,Updated: 12 Apr, 2018 08:01 PM

part time workers protest in secretariat

लोक निर्माण विभाग एवं सिंचाई संयुक्त कर्मचारी संघर्ष मोर्चा ने राज्य सरकार द्वारा वर्ष 2005 से पूर्व के अंशकालिक, कार्य प्रभारित एवं दैनिक वेतन भोगी कर्मचारियों को पेंशन आदि का लाभ न दिए जाने समेत सात सूत्रीय मांगों को लेकर सचिवालय कूच किया। सरकार...

देहरादून: लोक निर्माण विभाग एवं सिंचाई संयुक्त कर्मचारी संघर्ष मोर्चा ने राज्य सरकार द्वारा वर्ष 2005 से पूर्व के अंशकालिक, कार्य प्रभारित एवं दैनिक वेतन भोगी कर्मचारियों को पेंशन आदि का लाभ न दिए जाने समेत सात सूत्रीय मांगों को लेकर सचिवालय कूच किया। सरकार के खिलाफ नारेबाजी कर रहे आक्रोशित कर्मचारियों को पुलिस ने सचिवालय से पहले ही बैरिकेडिंग पर रोक दिया।

 

इस दौरान प्रदर्शनकारियों की पुलिस से तीखी झड़प भी हुई। सचिवालय कूच न करने पाने से गुस्साए कर्मचारियों ने बैरिकेडिंग पर ही धरना दिया। कर्मचारी नेताओं ने चेतावनी दी कि यदि सरकार ने अपना निर्णय वापस नहीं लिया, तो इसके खिलाफ प्रदेशव्यापी आंदोलन शुरू किया जाएगा। गुरुवार को मोर्चा से जुड़े कर्मचारी परेड ग्राउंड में एकत्रित हुए, जहां से रैली निकाल कर उन्होंने सचिवालय कूच किया। सचिवालय से पहले ही पुलिस ने प्रदर्शकारी कर्मचारियों को बैरिकेडिंग कर रोक लिया। बाद में आक्रोशित कर्मचारी सड़क पर ही धरने पर बैठ गए। इस अवसर पर आयोजित सभा में कर्मचारी नेताओं ने राज्य कैबिनेट में 12 मार्च 2018 को लिए गए निर्णय की घोर निंदा की है।

 

आंदोलित कर्मचारियों ने मुख्यमंत्री को ज्ञापन भेजकर प्रदेश सरकार द्वारा वर्ष 2005 से पूर्व के अंशकालिक, कार्य प्रभारित और दैनिक वेतन भोगी कर्मचारियों को पेंशन लाभ न दिए जाने के फैसले का विरोध किया है। मोर्चे के प्रदेश संरक्षक अरुण पांडे और प्रदेश महामंत्री बरखू लाल मौर्य सहित कर्मचारी नेताओं ने सुप्रीम कोर्ट के निर्णयानुसार सभी पात्र कर्मचारियों को नियमित कर्मचारियों की भांति समान कार्य के लिए समान वेतन दिए जाने की मांग की।

 

उन्होंने रक्त पदों के सापेक्ष कर्मचारियों को नियमित किए जाने, फील्ड में कार्यरत कर्मचारियों को वाहन भत्ते की सुविधा बहाल किए जाने, हैंड रसीद आउट सोर्सिंग, दैनिक वेतन, कार्य प्रभारित कर्मचारियों को प्रॉविडेंट फंड, सामूहिक बीमा सहित सभी सुविधाएं नियमित कर्मचारियों की भांति मुहैया कराने की मांग की। इस दौरान कर्मचारियों ने एसीपी की पूर्व व्यवस्था को बहाल करते हुए शासनादेश जारी करने की भी मांग की।

 

सभा को संबोधित करते हुए मोर्चा के अध्यक्ष बाबू खान ने कहा कि मंत्रिमंडल का निर्णय कर्मचारी विरोधी है जिसे किसी भी सूरत में बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। लोनिवि और सिंचाई विभाग ने फील्ड में 20-25 वर्षों से कार्यरत मेड, बेलदार, क्लीनर और ड्राइवर दैनिक वेतन एवं कार्य प्रभारित अधिष्ठान में कार्य करते हैं जिनमें से बड़ी संख्या में कार्यरत कर्मचारी अपनी अधिवर्षता की आयु पूर्ण कर लेते हैं। 

 

इस कारण उन्हें पेंशन नहीं मिल पाती है। इस पर हाईकोर्ट ने 5 जून 2017 को सिविल सर्विसेज रेगुलेशन एक्ट की धारा 370 को समाप्त करते हुए कार्य प्रभारित में की गई सेवा को पेंशन के लिए जोड़ने के आदेश दिए हैं। लेकिन सरकार कोर्ट के आदेशों को मानने को तैयार नहीं है, जो कर्मचारियों के साथ घोर अन्याय है। प्रदर्शन करने वालों में मार्चे के प्रवक्ता सुभाश चंद्र, उदय राज, विजय प्रसाद कांडपाल आदि मौजूद थे।

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