Edited By Nitika,Updated: 18 May, 2021 08:15 PM
कोविड से बचाव के लिए सरकार द्वारा चलाए जा रहे टीकाकरण अभियान में ऑनलाइन पंजीकरण की अनिवार्यता गरीब मजदूरों के लिए बाधक बन रही है जो निरक्षर होने के साथ ही स्मार्टफोन जैसे उपकरणों से भी वंचित हैं।
ऋषिकेशः कोविड से बचाव के लिए सरकार द्वारा चलाए जा रहे टीकाकरण अभियान में ऑनलाइन पंजीकरण की अनिवार्यता गरीब मजदूरों के लिए बाधक बन रही है जो निरक्षर होने के साथ ही स्मार्टफोन जैसे उपकरणों से भी वंचित हैं।
लोगों का मानना है कि संगठित के साथ ही एक बड़ी संख्या में घरों या अन्य जगहों पर काम करने वाले असंगठित क्षेत्र के मजूदरों और उनके परिजनों का टीकाकरण से दूर रहना संक्रमण से बचाव की पूरी कवायद को विफल कर सकता है। गौरतलब है कि उत्तराखंड सरकार ने कोविड कर्फ्यू के दौरान अपने दिशा-निर्देशों में निर्माण कार्य जारी रखने व श्रमिकों के आवागमन की छूट दी हुई है। ऋषिकेश और इसके देहात क्षेत्र में निवासरत हजारों श्रमिक रोजाना स्थानीय व पर्वतीय क्षेत्र में चल रही परियोजनाओं में काम करने को आते-जाते रहते हैं।
ऋषिकेश परिक्षेत्र के सहायक श्रम आयुक्त केएल गुप्ता के अनुसार, ‘‘यहाँ करीब सात हजार श्रमिक पंजीकृत हैं। इसके अलावा कर्णप्रयाग रेल लाइन व ऑल वेदर रोड के काम में भी हजारों मजदूरों लगे हुए हैं।'' उन्होंने कहा कि इस संबंध में अभी तक कोई दिशा-निर्देश नहीं हैं इसलिए कोविड से बचाव के लिए श्रमिकों का टीकाकरण नहीं हो पाया है। हालांकि, उन्होंने कहा कि इस मसले को वह अपने विभागाध्यक्ष के संज्ञान में लाएंगे। इस संबंध में पूछे जाने पर प्रदेश के एक वरिष्ठ अधिकारी ने इस कमी को स्पष्ट रूप से स्वीकार किया और कहा कि इस बारे में वह मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत से बातचीत करके उनसे निर्देश लेंगे और फिर ज़रूरी उपाय किए जाएंगे।