Edited By Diksha kanojia,Updated: 04 Jun, 2022 06:37 PM
उप्र के खीरी निवासी हरविंदर कौर कुछ समय पहले अपनी मां के साथ नाबीढांग की सैर पर गयी थी। वह कई दिनों तक हिमालय की श्रृखलाओं में रूकी रही। ताज्जुब की बात है कि इनर लाइन परमिट खत्म होने के बावजूद वह वापस लौटने को राजी नहीं। इनर लाइन परमिट खत्म होने के...
नैनीतालः उत्तराखंड के पिथौरागढ़ में एक अजीबोगरीब मामला सामने आया है। उच्च हिमालयी क्षेत्र में गैर कानूनी तरीके से रह रही उत्तर प्रदेश की एक महिला पर्यटक वापस लौटने को राजी नहीं है। प्रशासन की दस सदस्यीय टीम उसे वापस लाने के लिये नाबीढांग रवाना हो गयी है।
उप्र के खीरी निवासी हरविंदर कौर कुछ समय पहले अपनी मां के साथ नाबीढांग की सैर पर गयी थी। वह कई दिनों तक हिमालय की श्रृखलाओं में रूकी रही। ताज्जुब की बात है कि इनर लाइन परमिट खत्म होने के बावजूद वह वापस लौटने को राजी नहीं। इनर लाइन परमिट खत्म होने के बाद उसकी मां वापस लौट आयी और बेटी की जिद्द को देखते हुए उसने बेटी का इनर लाइन परमिट कुछ समय के लिये बढ़ा दिया। परमिट खत्म होने के बावजूद वह वापस नहीं लौटी। चीन सीमा की चौकसी कर रहे भारत-तिब्बत सीमा पुलिस के जवानों ने उसे वापस भेजने की कोशिश की लेकिन वह नहीं मानी।
पिथौरागढ़ के पुलिस अधीक्षक लोकेश्वर सिंह ने बताया कि यह प्रकरण संज्ञान में आने के बाद धारचूला पुलिस की तीन सदस्यीय टीम को चार-पांच दिन पहले नाबीढांग भेजा गया लेकिन महिला वापस लौटने को टस से मस नहीं हुई। उसने जबर्दस्ती ले जाने पर पहाड़ियों से कूद कर आत्महत्या करने की धमकी दे दी। इसके बाद पुलिस टीम वापस गुंजी लौट आयी। सिंह ने आगे बताया कि गैर कानूनी तरीके से रह रही महिला को वापस लाने के लिए प्रशासन, स्वास्थ्य विभाग और पुलिस की एक सयुंक्त टीम को शुक्रवार को नाबीढांग रवाना किया गया है।
उम्मीद है कि महिला पर्यटक को रविवार को वापस लाया जा सकेगा। उन्होंने यह भी बताया कि प्रथमद्दष्टया महिला मानसिक रूप से कमजोर लगती है। वह अपने को पार्वती का रूप बताती है । वह नाबीढांग में एक होम स्टे में ठहरी है। उन्होंने बताया कि धारचूला लाने के बाद उससे संयुक्त पूछताछ की जायेगी और उसके बाद परिजनों को सौप दिया जायेगा।