Edited By Punjab Kesari,Updated: 22 Apr, 2018 10:54 AM
श्रीराम कथा मर्मज्ञ संत मोरारी बापू शनिवार को परमार्थ निकेतन पहुंचे। परमार्थ निकेतन के परमाध्यक्ष स्वामी चिदानंद सरस्वती की अगुवाई में आश्रम के सेवकों, आचार्यों तथा ऋषिकुमारों ने पूज्य मोरारी बापू का दिव्य स्वागत और अभिनंदन किया।
ऋषिकेश: श्रीराम कथा मर्मज्ञ संत मोरारी बापू शनिवार को परमार्थ निकेतन पहुंचे। परमार्थ निकेतन के परमाध्यक्ष स्वामी चिदानंद सरस्वती की अगुवाई में आश्रम के सेवकों, आचार्यों तथा ऋषिकुमारों ने पूज्य मोरारी बापू का दिव्य स्वागत और अभिनंदन किया।
इस अवसर पर स्वामी चिदानंद सरस्वती महाराज और मोरारी बापू ने अध्यात्म, सामाजिक, समरसता, सद्भाव, स्वच्छता और पर्यावरण संरक्षण जैसे अनेक विषयों पर विस्तृत चर्चा की। इसके साथ ही स्वामी महाराज ने मोरारी बापू को किशनगंज, बिहार में सम्पन्न हुए एकता, समरसता और सद्भाव कार्यक्रम के विषय में जानकारी दी। समाज में एकता और समरसता बनाए रखने के लिए उनसे सहयोग की भी प्रार्थना की।
गंगा स्वच्छता और पर्यावरण संरक्षण के मुद्दों पर भी हुई विशेष चर्चा
स्वामी चिदानंद सरस्वती ने इस मौके पर कहा कि ऋषिकेश और हरिद्वार सहित उत्तराखंड के धार्मिक नगरों, चारों धामों पंच-प्रयागों में सड़कों पर गायों के निराश्रित रूप से घूमने को रोकने तथा विश्वविख्यात इन आध्यात्मिक नगरों को गंदगी मुक्त करने की महत्ती आवश्यकता है। वर्तमान समय में पर्यावरण प्रदूषण के कारण अनेकों नदियों का अस्तित्व समाप्त होने के कगार पर है। गंगा भी इससे अछूती नहीं है।
नदियों के तटों पर विकसित हुए कल-कारखानों का अवशिष्ट तथा नगरों की गंदगी लगातार प्रवाहित होने के कारण इनका अमृतमय जल लगातार प्रदूषित होता जा रहा है। अपने धारा के वेग से जन-समुदाय को जीवन देने वाली गंगा आज जीर्ण-शीर्ण हो गई है। समाज को पर्यावरण संरक्षण के लिए संत समाज को एक साथ आकर कार्य करना होगा।