Edited By Nitika,Updated: 03 Sep, 2020 11:05 AM
आईटीबीपी (भारत-तिब्बत सीमा पुलिस) की टीम ने अपने एक पोर्टर का शव बरामद करने के बाद लगभग 8 घंटे तक पैदल पहाड़ी इलाके में 25 किलोमीटर की यात्रा कर उसका शव परिवार को सौंपा।
नई दिल्ली/पिथौरागढ़ः आईटीबीपी (भारत-तिब्बत सीमा पुलिस) की टीम ने अपने एक पोर्टर का शव बरामद करने के बाद लगभग 8 घंटे तक पैदल पहाड़ी इलाके में 25 किलोमीटर की यात्रा कर उसका शव परिवार को सौंपा।
अधिकारियों ने बताया कि यह सफर 30 अगस्त को पूरा हुआ। दरअसल सीमा की रक्षा करने वाले इस बल की 14वीं बटालियन को पिथौरागढ़ जिले में बुगदयार के सियूनी गांव में एक शव के पड़े होने की जानकारी मिली थी। अधिकारियों ने बताया कि पोर्टर भूपेन्द्र सिंह राणा अपने खच्चर की मदद से ऊंचाई वाली जगहों पर स्थित आईटीबीपी के शिविरों तक राशन पहुंचाने का काम करता था। राणा 28 अगस्त को भी अपना काम कर रहा था, लेकिन रास्ते में ऊपर से लुढ़क रहे पत्थर की चपेट में आकर उसकी मौत हो गई।
वहीं आईटीबीपी के एक प्रवक्ता ने बताया कि बल के जवानों ने 30 वर्षीय व्यक्ति का शव लेकर करीब आठ घंटे में 25 किलोमीटर की दूरी तय की और मृतक के परिजन को सौंप दिया। उन्होंने बताया कि 8 कर्मियों के इस दल ने सुबह 11 बजकर 30 मिनट पर यह यात्रा शुरू की और वे उसी दिन शाम 7 बजकर 30 मिनट पर मुनसियारी गांव पहुंच गए। उन्होंने बताया कि कर्मियों ने शव को स्ट्रेचर पर रखा था और वे संकरे पहाड़ी रास्तों से ऐसे समय गुजरे जब भारी बारिश होने के साथ ही भूस्खलन की घटनाएं हो रही थीं।
स्थानीय लोगों के अनुसार, ऐसी पहली बार नहीं है जब आईटीबीपी ने उनकी मदद की है। पिछले सप्ताह आईटीबीपी की एक टीम ने पिथौरागढ़ में सुदूर सीमावर्ती क्षेत्र से एक घायल महिला को बचाकर उसे 15 घंटे पैदल चलकर सुरक्षित बचाया। व्यास घाटी के निवासियों का कहना है कि आईटीबीपी न सिर्फ स्थानीय लोगों को राशन पहुंचाया बल्कि आपूर्ति बाधित होने पर यात्रियों को भोजन और आश्रय भी देता है।