Edited By Nitika,Updated: 21 May, 2018 04:53 PM
10 अप्रैल को आतंकियों के साथ मुठभेड़ में गंभीर रूप से घायल उत्तराखंड के एक जवान ने रविवार को दम तोड़ दिया। शहीद का पार्थिव शरीर सोमवार को उनके पैतृक गांव लाया जाएगा।
देहरादूनः 10 अप्रैल को आतंकियों के साथ मुठभेड़ में गंभीर रूप से घायल उत्तराखंड के एक जवान ने रविवार को दम तोड़ दिया। शहीद का पार्थिव शरीर सोमवार को उनके पैतृक गांव लाया जाएगा।
40 दिन संघर्ष करने के बाद जवान ने तोड़ा दम
जानकारी के अनुसार, शहीद दीपक नैनवाल कश्मीर में तैनात थे। कुलगाम के वनपोह इलाके में आतंकवादी छिपे होने की सूचना मिलने पर आतंकियों का मुकाबला करने गई टीम में देहरादून निवासी दीपक नैनवाल भी शामिल थे। इस मुठभेड़ में दीपक आतंकियों के द्वारा 2 गोलियां लगने से गंभीर रूप से घायल हो गया। इस दौरान उन्हें दिल्ली के राष्ट्रीय राइफल्स अस्पताल में भर्ती करवाया गया। उनकी हालत गंभीर होने के कारण उन्हें पुणे के अस्पताल में रैफर कर दिया गया। जवान 40 दिनों तक लगातार संघर्ष करने के बाद रविवार को मौत की जंग हार गया।
सीएम ने जवान की शहादत पर किया कोटि-कोटि नमन
इस पर मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने ट्वीट करते हुए कहा कि देश की रक्षा में आतंकियों से लड़ते हुए उत्तराखंड के वीर सैनिक दीपक नैनवाल ने अपना सर्वोच्च बलिदान दिया है। सीएम ने कहा कि दीपक की शहादत को वह कोटि-कोटि नमन करते हैं। उन्होंने कहा कि सरकार शहीद के परिजनों के साथ हर कदम खड़ी रहेगी। बता दें कि, शहीद मूलरूप से चमोली के हर्रावाला में रहता था। शहीद अपने माता-पिता के साथ-साथ अपनी पत्नी और 2 बच्चों को भी पीछे छोड़ गए हैं।