Edited By Nitika,Updated: 05 Aug, 2020 01:41 PM
भारत और नेपाल के बीच अंतरराष्ट्रीय सीमा पर बने गतिरोध को खत्म करने के लिए दोनों देशों के अधिकारियों के बीच मंगलवार को बैठक हुई। इस दौरान भारतीय अधिकारियों ने प्रमुख रूप से नो मैंस लैंड पर अतिक्रमण हटाने और यथास्थिति बनाए रखने पर जोर दिया।
नैनीतालः भारत और नेपाल के बीच अंतरराष्ट्रीय सीमा पर बने गतिरोध को खत्म करने के लिए दोनों देशों के अधिकारियों के बीच मंगलवार को बैठक हुई। इस दौरान भारतीय अधिकारियों ने प्रमुख रूप से नो मैंस लैंड पर अतिक्रमण हटाने और यथास्थिति बनाए रखने पर जोर दिया।
चम्पावत जिला पुलिस अधीक्षक लोकेश्वर सिंह ने जानकारी देते हुए बताया कि बातचीत सौहार्दपूर्ण माहौल में हुई। बैठक में भारत की ओर से नो मैंस लैंड पर अतिक्रमण को प्रमुखता से उठाया गया और हाल ही में सीमा पर हुई घटनाओं को निराशाजनक बताया गया। सिंह ने कहा कि नेपाल के अधिकारियों की ओर से अतिक्रमण को हटाने के लिए आश्वासन दिया गया है। हालांकि उन्होंने कहा कि इसके लिए कोई समय सीमा तय नहीं की गई है।
वहीं पुलिस अधीक्षक ने कहा कि बैठक में अंतरराष्ट्रीय सीमा को विभाजित करने वाले पिलर संख्या 811 की पहचान को लेकर भी अहम बातचीत हुई। नेपाल की ओर से इस प्रकरण को नेपाल सरकार के संज्ञान में लाने की बात कही गई है और दोनों देशों की सहमति के साथ ही केन्द्रीय टीमों की ओर से पिलर संख्या 811 की पहचान को लेकर स्थायी समाधान निकाला जा सकेगा। जाहिर है कि इस मामले में भी वक्त लग सकता है और इसके लिए भी कोई समय सीमा तय नहीं की गई है।
सिंह ने कहा कि भारत की ओर से अपने नेपाली समकक्षों से यह भी कहा गया है कि सीमा पर यथास्थिति बनाई रखी जाए और हाल के दिनों में जो भी घटनाएं हुई हैं, वह गलत हैं। नेपाल की ओर से नो मेंस लैंड पर 2400 वर्गमीटर जमीन पर कथित रूप से अतिक्रमण कर पौधारोपण दिया गया है और उसे तारबाड़ से घेर दिया गया है। सीमा की सुरक्षा करने वाली एसएसबी की ओर से इसका विरोध किया गया तो नेपाल की जनता ने भारत के खिलाफ जहर उगलना शुरू कर दिया। नेपाल की ओर से अतिक्रमण हटाने के लिए पहले भी आश्वासन दिया गया लेकिन अभी तक अतिक्रमण हटाया नहीं गया है।