Edited By Nitika,Updated: 04 Apr, 2020 02:02 PM
कोरोना संकट के चलते वेंटिलेटर की भारी कमी को देखते हुए रुड़की आईआईटी के वैज्ञानिकों ने एक पोर्टेबल वेंटिलेटर का निर्माण किया है, जो कोविड 19 के मरीजों के लिए बहुत उपयोगी हो सकता है।
रुड़कीः कोरोना संकट के चलते वेंटिलेटर की भारी कमी को देखते हुए रुड़की आईआईटी के वैज्ञानिकों ने एक पोर्टेबल वेंटिलेटर का निर्माण किया है, जो कोविड 19 के मरीजों के लिए बहुत उपयोगी हो सकता है।
प्राण वायु' नाम के इस क्लोज्ड लूप वेंटिलेटर को एम्स ऋषिकेश के सहयोग से विकसित किया गया है। वेंटिलेटर मरीज को आवश्यक मात्रा में हवा पंहुचाने के लिए प्राइम मूवर के नियंत्रित ऑपरेशन पर आधारित है। इसके अलावा वेंटिलेटर सांस नाली के विस्तृत प्रकार के अवरोधों में उपयोगी और सभी आयु वर्ग के रोगियों विशेष रूप से बुजुर्गों के लिए खास लाभदायक है।
आईआईटी के निदेशक अजीत कुमार चतुर्वेदी का कहना है कि कोरोना वायरस के मरीजों को जब हॉस्पिटल में भर्ती किया जाता है तो उनको सांस लेने में काफी दिक्कत होती है। मरीज को अगर किसी प्रकार की दिक्कत ना आए तो उसका इलाज अच्छे तरीके से किया जा सकता है। मरीज के उपचार के लिए वेंटिलेटर की सबसे ज्यादा जरूरत पड़ती है, मगर इस वक्त देश भर के तमाम हॉस्पिटलों में वेंटिलेटर की कमी है। वहीं अगर मरीजों की संख्या बढ़ती है तो ज्यादा वेंटिलेटर की व्यवस्था नहीं की जा सकती इसलिए हमारे द्वारा पोर्टेबल वेंटिलेटर का निर्माण किया गया है जो सस्ता भी है हमने इसका परीक्षण भी किया है। उन्होंने कहा कि ऋषिकेश एम्स के डॉक्टर की निगरानी में ही इस वेंटीलेटर को बनाया गया है।
वैज्ञानिकों के अनुसार यह ऐसे मामलों में विशेष उपयोगी हो सकता है जब अस्पताल के किसी वार्ड या खुले क्षेत्र को आईसीयू में परिवर्तित करने की आवश्यकता होती है। सबसे खास बात इस वेंटिलेटर का दाम है जो बेहद कम है इस वेंटिलेटर की निर्माण लागत केवल 25 हजार रुपए आने का ही अनुमान है।