IIT रुड़की ने बनाया 'धड़कन' मोबाइल ऐप, रखेगा हार्ट पेशेंट पर नजर

Edited By Punjab Kesari,Updated: 01 May, 2018 08:07 PM

iit roorkee created new mobile app for heart patient

भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान रुड़की के जैव तकनीक विभाग के सहायक प्रोफेसर डॉ. दीपक शर्मा के नेतृत्व में आईआईटी रुड़की के कंप्युटेशनल बायोलॉजी ग्रुप ने एक मोबाइल ऐप का विकास किया है जो हृदय गति के अवरोध के संकट से प्रभावित रोगियों पर दूर से भी निगरानी...

रुड़की (अनिल): भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान रुड़की के जैव तकनीक विभाग के सहायक प्रोफेसर डॉ. दीपक शर्मा के नेतृत्व में आईआईटी रुड़की के कंप्युटेशनल बायोलॉजी ग्रुप ने एक मोबाइल ऐप का विकास किया है जो हृदय गति के अवरोध के संकट से प्रभावित रोगियों पर दूर से भी निगरानी रख सकता है और उन्हें चिकित्सा सहायता मुहैया करा सकता है। हृदय गति के फेल होने की किसी संभावना का संकेत देने वाले रोगी के डेटा में होने वाले किसी भी तेज बदलाव की स्थिति में यह डॉक्टर और रोगी दोनों को स्वचालित संकेत भेज सकता है। धड़कन नामक यह मोबाइल ऐप भारत के लिए बेहद लाभदायी होगा, जहां लगभग 10 मिलियन रोगी हृदय गति की बीमारी के संकट से ग्रस्त हैं।

 

ऐप नि:शुल्क है और इस ऐप से मिलने वाले सभी लाभ बिल्कुल मुफ्त हैं। भर्ती रोगियों में से लगभग एक तिहाई रोगियों के अगले 3 से 6 महीनों के अंदर फिर से भर्ती होने अथवा मृत्यु होने की संभावना रहती है। यह मोबाइल ऐप इस्तेमाल में आसान है ताकि ग्रामीण इलाकों के लोग भी इसका लाभ उठा सकें। धड़कन मोबाइल ऐप का निर्माण अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स), नई दिल्ली के प्रो. संदीप सेठ और गोपीचंद्रन के सहयोग से किया गया। इस यंत्र के महत्व पर डॉ. दीपक शर्मा ने कहा, ‘यह मोबाइल ऐप हृदय गति के अवरोध से ग्रस्त रोगियों के बहुमूल्य जीवन की रक्षा करने में सहायक होगा। 

 

धड़कन ऐप से उन रोगियों को बहुत सहायता मिलेगी जो दूर-दराज के इलाकों में रहते हैं और इलाज के लिए निर्धारित अंतरालों पर उच्च स्तरीय चिकित्सा अस्पताल नहीं आ सकते। यह बताते हुए कि यह कैसे काम करता है। उन्होंने कहा कि यह रोगियों के रक्तचाप, हृदय गति की दर और वजन के डेटा संग्रह करता है  तथा आरंभिक पंजीकरण के दौरान रोगी से संबद्ध अधिकृत देखभालकर्ता (चिकित्सक, नर्स अथवा पराचिकित्सक) को भेज देता है। यह चिकित्सकों और रोगियों के बीच पारस्परिक संचार की सुविधा भी मुहैया कराता है। इसके अतिरिक्त, यदि आवश्यक हो, तो रोगी चिकित्सक को ईसीजी रिपोर्ट भी भेज सकते हैं।

 

यह ऐप न केवल हर रोगी की डॉक्टर से मैन्युअल मॉनिटरिंग से मुक्त रखता है बल्कि इलाज के दौरान आगे सक्रियता से उपाय बताने में भी सहायता करता है। ऐप की उपयोगिता को मान्यता दिलाने और किसी भी नई/उपयोगी विशेषता (विशेषताओं) के सुझाव, जिसे शामिल किया जा सके, के लिए इसका उपयोग एम्स में हृदय गति के अवरोध से ग्रस्त 100 रोगियों पर रैंडमाइज्ड कंट्रोल ट्रायल के लिए किया जाएगा। ऐप का निर्माण कंप्युटेशनल बायोलॉजी लैबोरेटरी के सोमेश चतुर्वेदी और सुश्री श्रेया श्रीवास्तव ने इस प्रकार किया है कि ग्रामीण लोग भी इसका उपयोग सरलता से कर सकें। यह भारत में हृदय गति के अवरोध की घटना, व्यापकता और परिणाम की निगरानी में भी सहायता करेगा। चिकित्सकों और रोगियों के इस्तेमाल के लिए धडक़न ऐप गूगल प्ले स्टोर पर नि:शुल्क उपलब्ध है।

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