Edited By Nitika,Updated: 25 Jun, 2018 01:20 PM
उत्तराखंड में चारधाम यात्रा अपनी चरम सीमा पर पहुंच चुकी है। इसी के चलते जहां एक तरफ प्रशासन यात्रियों की सुरक्षा के लिए बड़े-बड़े दावे करता हुआ दिखाई दे रहा है
उत्तरकाशीः उत्तराखंड में चारधाम यात्रा अपनी चरम सीमा पर पहुंच चुकी है। इसी के चलते जहां एक तरफ प्रशासन यात्रियों की सुरक्षा के लिए बड़े-बड़े दावे करता हुआ दिखाई दे रहा है, वहीं दूसरी तरफ यात्रा पड़ाव पर अस्पताल स्वास्थ्य विभाग की पोल खोलते हुए दिखाई दे रहे हैं।
जानकारी के अनुसार, उत्तरकाशी जिले में चारधाम यात्रा के मुख्य पड़ाव गंगोत्री धाम के रास्ते में पड़ने वाले अस्पताल में तीर्थयात्रियों को स्वास्थ्य सेवाओं का लाभ नहीं मिल पा रहा है। 2011 में तत्कालीन मुख्यमंत्री रमेश पोखरियाल निशंक ने अस्पताल भवन का लोकार्पण किया था लेकिन 2013 में आई भीषण आपदा के कारण भवन क्षतिग्रस्त हो गया था। इसके पश्चात अस्पताल को भूस्खलन से खतरा उत्पन्न होने पर भू-धसाव वाले हिस्से में 2 करोड़ की लागत से सुरक्षा दीवार निर्मित की गई। इसके बावजूद भी अस्पताल को इस भवन में शुरू नहीं किया गया।
ग्रामीणों का कहना है कि उन्हें अस्पताल ना होने के कारण परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। ग्रामीणों ने कहा कि उनके द्वारा अस्पताल को नव-निर्मित भवन में संचालित करने के लिए कई बार जन-प्रतिनिधियों से लेकर जिला-प्रशासन तक को गुहार लगाई जा चुकी है लेकिन इसके बावजूद भी कोई कार्रवाई नहीं हुई है।