Edited By Nitika,Updated: 06 Dec, 2019 11:36 AM
उत्तराखंड के पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत ने गुरुवार को राज्य विधानसभा भवन के निकट गन्ना किसानों के बकाए का भुगतान न करने, बढ़ती महंगाई और बेरोजगारी के विरोध में धरना देकर एक दिवसीय उपवास रखा।
देहरादूनः उत्तराखंड के पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत ने गुरुवार को राज्य विधानसभा भवन के निकट गन्ना किसानों के बकाए का भुगतान न करने, बढ़ती महंगाई और बेरोजगारी के विरोध में धरना देकर एक दिवसीय उपवास रखा।
जानकारी के अनुसार, पूर्व मुख्यमंत्री विधानसभा के निकट पहुंचे, जहां उन्होंने कार्यकर्ताओं के साथ विधानसभा भवन की ओर कूच किया। इसके बाद वह विधानसभा भवन के नजदीक बैरिकेडिंग के पास उपवास पर बैठ गए। धरनास्थल पर कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए हरीश रावत ने केन्द्र और राज्य सरकार की नीतियों की आलोचना करते हुए उन पर हमला बोला। उन्होंने केन्द्र की आर्थिक नीतियों से चौपट हो रही अर्थव्यवस्था, बढ़ती महंगाई, बेरोजगारी की विकराल होती समस्या और देश के विभिन्न भागों में बलात्कार की घटनाओं का जिक्र करते हुए कहा कि कांग्रेस नेतृत्व वाली सरकार ने 2014 में वर्तमान सरकार को एक मजबूत अर्थव्यवस्था सौंपी थी लेकिन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सरकार ने उसे तहस-नहस कर दिया है।
वहीं भाजपा सरकारों को किसान विरोधी बताते हुए पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा कि जब-जब भाजपा की सरकारें आती हैं, किसानों को उनका बकाया भी नहीं मिल पाता है। उन्होंने कहा कि देश में 'बेटी पढ़ाओ-बेटी बचाओ' का नारा देनी वाली सरकार की नाक के नीचे बलात्कार हो रहे हैं लेकिन प्रधानमंत्री रहस्यमय ढंग से चुप हैं। बढ़ती महंगाई पर उन्होंने कहा कि गैस, पेट्रोल और डीजल के दामों आसमान छू रहे हैं जबकि प्याज रूला रहे हैं।