Edited By Nitika,Updated: 16 Dec, 2018 11:42 AM
राफेल डील को लेकर मोदी सरकार को सुप्रीम कोर्ट की तरफ से बड़ी राहत मिली है। कोर्ट ने राफेल डील के खिलाफ जारी सभी याचिकाओं को खारिज कर दिया है। कोर्ट के इस फैसले के बाद उत्तराखंड के पूर्व मुख्यमंत्री और कांग्रेस के वरिष्ठ नेता हरीश रावत ने केंद्र...
हल्द्वानीः राफेल डील को लेकर मोदी सरकार को सुप्रीम कोर्ट की तरफ से बड़ी राहत मिली है। कोर्ट ने राफेल डील के खिलाफ जारी सभी याचिकाओं को खारिज कर दिया है। कोर्ट के इस फैसले के बाद उत्तराखंड के पूर्व मुख्यमंत्री और कांग्रेस के वरिष्ठ नेता हरीश रावत ने केंद्र सरकार पर हमला बोला है। उन्होंने कहा कि राफेल लड़ाकू विमान मामले पर नरेन्द्र मोदी सरकार ने उच्चतम न्यायालय के सामने गलत दस्तावेजों और तथ्यों को प्रस्तुत किया है।
केंद्र सरकार गोपनीयता की आड़ में SC की जांच से बची
जानकारी के अनुसार, हरीश रावत ने कहा कि उच्चतम न्यायालय ने जिन दस्तावेजों को अपने निर्णय का आधार बनाया है, वह दस्तावेज पूर्ण रूप से काल्पनिक है। देश के संविधान, संवैधानिक परंपराओं और व्यवस्थाओं के अनुसार कैग (नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक) की रिपोर्ट संसद के पटल पर रखी जाती है और संसद की लोक लेखा समिति संबंधित रिपोर्ट पर विचार करती है लेकिन यह कैग रिपोर्ट न तो संसद के पटल पर रखी गई और न ही लोक लेखा समिति के पास भेजी गई बल्कि सीधे उच्चतम न्यायालय में दाखिल की गई है।
राफेल सौदे की जांच संयुक्त संसदीय समिति से करवाने की रखी मांग
पूर्व सीएम ने कहा कि केंद्र सरकार राफेल मामले में गोपनीयता की आड़ में उच्चतम न्यायालय की जांच से तो बच सकती है लेकिन जनता की छानबीन से नहीं बच सकती है। उन्होंने राफेल सौदे की जांच संयुक्त संसदीय समिति से करवाने की मांग करते हुए कहा कि वायु सेनाध्यक्ष को यह जवाब देना चाहिए कि देश की रक्षा आवश्यकताओं के मद्देनजर क्या 126 राफेल लड़ाकू विमानों के मुकाबले अब केवल 36 विमान पर्याप्त हैं।
बता दें कि सुप्रीम कोर्ट ने राफेल डील को लेकर उठे सवालों पर कहा कि इस सौदे पर उन्हें कोई संदेह नहीं है। कोर्ट ने कहा कि लड़ाकू विमानों की जरूरत है और देश लड़ाकू विमानों के बिना नहीं रह सकता है।