Edited By Deepika Rajput,Updated: 13 Oct, 2018 05:04 PM
नैनीताल हाईकोर्ट के दखल के बाद राज्य में निकाय चुनावों का रास्ता साफ हो गया है। नगर निकाय का कार्यकाल 5 महीने पहले ही खत्म हो गया था, लेकिन
कभी परिसीमन तो कभी राजनीतिक खींचतान के चलते चुनाव को टाला जा रहा था.....
देहरादून: नैनीताल हाईकोर्ट के दखल के बाद राज्य में निकाय चुनावों का रास्ता साफ हो गया है। नगर निकाय का कार्यकाल 5 महीने पहले ही खत्म हो गया था, लेकिन कभी परिसीमन तो कभी राजनीतिक खींचतान के चलते चुनाव को टाला जा रहा था। वहीं हाईकोर्ट का फैसला आने के बाद सरकार चुनाव कराने के लिए तैयार हो गई है। उम्मीद जताई जा रही है कि अगले दो दिन में अधिसूचना जारी हो सकती है।
चुनावों में देरी एक सोची समझी साजिशः कांग्रेस
बीजेपी सरकार ने तर्क देते हुए कहा कि वह पहले ही चुनावों के पक्ष में थी, लेकिन मामला हाईकोर्ट में जाने से देरी हो गई। वहीं बीजेपी सरकार के इस रूख की कांग्रेस ने जमकर आलोचना की। कांग्रेस ने कहा है कि चुनावों में देरी एक सोची समझी साजिश थी। बता दें कि, राज्य में बीजेपी सरकार के बनने के बाद से नगर निकाय चुनाव सरकार के लिए एक चुनौतीपूर्ण मुद्दा बना रहा है।
कोर्ट के निर्णय का सम्मान करती है सरकारः सीएम
वहीं मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने कहा है कि सरकार कभी भी चुनावों को टालने के पक्ष में नहीं थी। कोर्ट के निर्णय का परीक्षण कर जल्द ही राज्य में चुनाव कराए जाएंगे क्योंकि सरकार हमेशा हाईकोर्ट के निर्णय का सम्मान करती है।
आम लोगों ने किया कोर्ट के फैसले का स्वागत
हाईकोर्ट के निर्देश का आम लोगों ने स्वागत किया है। लोग यही उम्मीद कर रहे हैं कि 15 नवंबर तक नगर निकाय चुनाव संपन्न हो जाएंगे।