अब मरीजों को नहीं होगी परेशानी, ऋषिकेश AIIMS में शुरू हुई कोरोना की मुफ्त जांच

Edited By Nitika,Updated: 31 Mar, 2020 01:17 PM

free investigation of corona started in rishikesh aiims

उत्तराखंड के ऋषिकेश जिले में स्थित एम्स (अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान) में सोमवार से कोरोना वायरस ‘कोविड-19'' की जांच के लिए वायरोलॉजी लैब ने विधिवत कार्य करना शुरू कर दिया है।

 

ऋषिकेश: उत्तराखंड के ऋषिकेश जिले में स्थित एम्स (अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान) में सोमवार से कोरोना वायरस ‘कोविड-19' की जांच के लिए वायरोलॉजी लैब ने विधिवत कार्य करना शुरू कर दिया है। अब संस्थान में आने वाले मरीजों की कोरोना वायरस की जांच के लिए नमूने अन्यत्र प्रयोगशालाओं में नहीं भेजने पड़ेंगे। संस्थान में मरीजों के कोविड-19 संक्रमण की जांच निशुल्क होगी, मगर संस्थान के चिकित्सकों के परामर्श पर ही मरीजों को इस जांच की सुविधा मिल सकेगी। एम्स के ट्रॉमा सेंटर में 100 बेड के कोविड-19 आइसोलेशन वार्ड भी शुरू कर दिया गया है।

एम्स निदेशक पद्मश्री प्रोफेसर रविकांत ने बताया कि संस्थान के माइक्रो बायोलॉजी विभाग की देख-रेख में कोरोना वायरस के नमूनों की जांच के लिए वायरोलॉजी लैब में परीक्षण का कार्य विधिवत शुरू हो गया है, जिसमें कोरोना के अलावा अन्य तरह के वायरस की टेस्टिंग भी की जा रही है। निदेशक एम्स पद्मश्री प्रो. रवि कांत जी ने बताया कि इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च (आईसीएमआर) के सहमति के बाद एम्स संस्थान में वायरोलॉजी लैब में मरीजों के नमूनों का परीक्षण विधिवत शुरू कर दिया गया है। उन्होंने बताया कि वर्तमान में कोरोना वायरस के बढ़ते प्रभाव के चलते संस्थान में मरीजों के सैंपल की टेस्टिंग के लिए वायरोलॉजी लैब की नितांत आवश्यकता थी, लिहाजा इसके लिए आवश्यक संसाधन जुटाने के बाद आईसीएमआर केन्द्र सरकार से इसकी मंजूरी ली गई।

वहीं एम्स निदेशक प्रो. रविकांत ने बताया कि संस्थान में वायरोलॉजी लैब प्रारंभ कराने के लिए एम्स को इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च की ओर से प्रथम चरण में 150 और द्वितीय चरण में 300 पीसीआर किट (पॉलीमारेज चैन रिएक्शन) उपलब्ध करवाई गई हैं। उन्होंने बताया कि नवसृजित प्रयोगशाला में क्वालिटी टेस्टिंग का रिजल्ट बीते 26 मार्च को आईसीएमआर को भेजा गया, जिस पर 27 को आईसीएमआर द्वारा सहमति दे दी गई थी। उन्होंने बताया कि वर्तमान में संस्थान में एक दिन में 25 टेस्ट किए जा सकते हैं जबकि 2 सप्ताह बाद प्रतिदिन 50 टेस्ट की सुविधा मिल सकेगी। इसके लिए संस्थान की ओर से 10 पी जी चिकित्सकों, जूनियर रेजिडेंट्स और पीएचडी विद्यार्थियों को टेस्टिंग का प्रशिक्षण दिया जा रहा है। उन्होंने बताया कि आईसीएमआर के प्रोटोकॉल के तहत संस्थान में मरीज की नेगेटिव टेस्ट रिपोर्ट में 2 दिन और पॉजिटिव टेस्ट रिपोर्ट में 3 दिन का समय लगेगा।

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