Edited By Nitika,Updated: 10 Dec, 2018 02:29 PM
उत्तराखंड ने प्रदूषण और ईंधन की खपत पर लगाम लगाने के लिए अनोखी पहल की है। पहाड़ों को प्रदूषणमुक्त करने के लिए राज्य सरकार ने डीजल के स्थान पर इलेक्ट्रिक बस चलाने की योजना बनाई है। कुमाऊं मंडल में नैनीताल जिले से इसकी शुरुआत की गई है।
नैनीतालः उत्तराखंड ने प्रदूषण और ईंधन की खपत पर लगाम लगाने के लिए अनोखी पहल की है। पहाड़ों को प्रदूषणमुक्त करने के लिए राज्य सरकार ने डीजल के स्थान पर इलेक्ट्रिक बस चलाने की योजना बनाई है। कुमाऊं मंडल में नैनीताल जिले से इसकी शुरुआत की गई है।
जानकारी के अनुसार, परिवहन मंत्री यशपाल आर्य ने राज्य के कुमाऊं क्षेत्र के हल्द्वानी से नैनीताल के लिए पहली इलेक्ट्रिक बस को सोमवार को हरी झंडी दिखाकर रवाना किया है। इस दौरान यशपाल आर्य ने कहा कि हल्द्वानी और पर्यटक नगरी नैनीताल के बीच 25 इलेक्ट्रिक बस चलाने की योजना है। विद्युतीकरण बसों के संचालन से यहां के पर्यटन को बढ़ावा मिलेगा। इसके साथ ही प्रदूषण पर भी लगाम लगेगा।
परिवहन मंत्री ने कहा कि इसी प्रकार पहाड़ों की रानी मसूरी और राजधानी देहरादून के बीच भी पर्यटकों की सुविधा के लिए इलेक्ट्रिक बस चलाई जा रही है। इस बसों के संचालन से 3 गुना खर्चा भी कम हुआ है। मसूरी और देहरादून के मध्य इन बसों का संचालन सफल रहा। इसी क्रम में इलेक्ट्रिक बसों की संख्या बढ़ाई जाएगी।