Edited By Nitika,Updated: 01 May, 2019 02:06 PM
जहां एक तरफ केंद्र सरकार के द्वारा बेटियों को बचाने के लिए कई अभियान चलाए जा रहे हैं, वहीं दूसरी तरफ सितारगंज के सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र के कर्मचारी सरकार के इस मिशन पर पलीता लगाते हुए नजर आ रहे हैं।
उधमसिंह नगरः जहां एक तरफ केंद्र सरकार के द्वारा बेटियों को बचाने के लिए कई अभियान चलाए जा रहे हैं, वहीं दूसरी तरफ सितारगंज के सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र के कर्मचारी सरकार के इस मिशन पर पलीता लगाते हुए नजर आ रहे हैं।
जानकारी के अनुसार, मामला उधमसिंह नगर जिले के सितारगंज इलाके का है, जहां पर गुरुग्राम क्षेत्र में रहने वाले सुरेश आलमान अपनी 9 महीने की गर्भवती पत्नी ज्योत्सना को लेकर शक्तिगढ़ सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र पहुंचा। इसके बाद दो एएनएम दीपा मंडल और लक्ष्मी बैरागी ने ज्योत्सना की डिलीवरी करवाई। इसके बाद एएनएम ने जच्चा-बच्चा को डिस्चार्ज कर दिया। सुरेश अपनी पत्नी और अपने बच्चे को लेकर घर चला गया। इसके बाद पिता अगले दिन बच्चे को दोबारा सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र लेकर पहुंचा, जहां पर कुछ समय के बाद एएनएम ने बच्चे को मृत घोषित कर दिया।
बच्चे के पिता ने एएनएम पर नवजात को मारने का आरोप लगाया है। नवजात के परिजनों ने कहा कि वह जब जच्चा बच्चा को घर ले गए थे तो उस समय बच्चे की पीठ पर लाल निशान पड़े थे। देखने में ऐसा लग रहा था कि बच्चे को पीटा गया है जिस कारण से बच्चा रात भर परेशान रहा था। बता दें कि नवजात के पिता ने दोनों एएनएम के खिलाफ थाने में मुकद्दमा दर्ज करवा दिया है। बच्चे के परिजनों ने बताया कि इस तरह की घटनाएं इस अस्पताल में आए दिन होती रहती हैं ।
वहीं दूसरी तरफ सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र के प्रभारी विनय यादव का कहना है कि डिलीवरी के समय बच्चों को रुलाने के लिए थपथपाया जाता है, जिससे निशान आ जाते हैं। इस मामले में पुलिस का कहना है कि पोस्टमार्टम की रिपोर्ट आने के बाद ही आगे की कार्रवाई अमल में लाई जाएगी।