उत्तराखंड में डोर टू डोर कूड़ा कलेक्शन का काम जुलाई से होगा शुरू

Edited By Punjab Kesari,Updated: 23 Apr, 2018 04:27 PM

dore to door waste collection start in july

शहर में डोर टू डोर कूड़ा कलेक्शन की राह लंबे समय बाद साफ हो गई है। उम्मीद है कि जुलाई माह से शहर के सभी साठ वार्ड में कूड़ा उठान का काम शुरू हो जाएगा। नगर निगम की ओर से एमएसडब्लू चेन्नई नाम की कंपनी को डोर टू डोर का ठेका दिया गया है। कंपनी को नगर...

देहरादून: शहर में डोर टू डोर कूड़ा कलेक्शन की राह लंबे समय बाद साफ हो गई है। उम्मीद है कि जुलाई माह से शहर के सभी साठ वार्ड में कूड़ा उठान का काम शुरू हो जाएगा। नगर निगम की ओर से एमएसडब्लू चेन्नई नाम की कंपनी को डोर टू डोर का ठेका दिया गया है। कंपनी को नगर निगम की ओर से प्रति टन 1206 रुपए भुगतान किया जाएगा। जबकि, पहली बार हुए अनुबंध से सबक लेते हुए इस बार निगम ने कंपनी को यूजर चार्ज नहीं देने का निर्णय किया है। 

 

कूड़ा उठान से मिलने वाले यूजर चार्ज को कंपनी निगम के ही खाते में जमा कराएगी। वर्ष 2011 में पहली बार जेएनएनयूआरएम योजना के तहत दून शहर में निजी कंपनी के माध्यम से नगर निगम ने डोर टू डोर कूड़ा उठान का काम शुरू किया गया था। उस समय नगर निगम की ओर से दून वैली वेस्ट मैनेजमेंट नाम की कंपनी से अनुबंध किया गया था। 

 

शुरूआती दौर में कंपनी की ओर से 30 वार्ड में कूड़ा उठान का काम किया गया। हालांकि बाद में पार्षदों का दबाव बढऩे के बाद कंपनी को 45 वार्ड में कूड़ा उठान का काम दे दिया गया है। चूंकि, कंपनी के पास 45 वार्ड के लिहाज से संसाधन नहीं थे तो शहर में कूड़ा उठान की व्यवस्थाएं चरमराती चली गई। इस बीच निगम के ही पार्षदों ने कंपनी पर तमाम तरह के आरोप लगा डाले। जिसके बाद निगम बोर्ड बैठक में डीवीडब्लयूएम कंपनी को ब्लैक लिस्ट कर बाहर कर दिया गया।


 
वर्ष 2014 के बाद से शहर में नगर निगम ही कंपनी में कार्यरत रहे कर्मचारियों के माध्यम से डोर टू डोर कूड़ा उठान का काम कर रहा है। लेकिन निगम से कूड़ा उठान का यह काम सही तरीके से नहीं हो पा रहा। जिस कारण आए दिन शहरवासियों को परेशानी हो रही है। पिछले चार सालों से नगर निगम डोर टू डोर का काम किसी निजी कंपनी को देना चाह रहा था लेकिन रेट आदि पर बात नहीं बनने के कारण यह संभव नहीं हो सका। 

 

पिछले दिनों कंपनी ने निगम के लिए सेलाकुई में कूड़ा ट्रांसफर प्लांट में काम कर रही रैमकी कंपनी को यह टेंडर दिया लेकिन, इनसे भी बात नहीं बन सकी। पिछले एक साल से यह मामला यूं ही चल रहा था। हालांकि, अब जबकि नगर निगम के चुनाव भी सिर पर हैं तो निगम की ओर से एमएसडब्लू चेन्नई नाम की कंपनी को कूड़ा उठान का टेंडर दे दिया गया है। बताया जा रहा है कि यह कंपनी रैमकी की ही दूसरी कंपनी है। 

 

उधर, निगम से मिली जानकारी के अनुसार यह कंपनी वर्तमान में चेन्नई के अलावा साउथ के कुछ और शहरों में काम कर रही है। एशिया लेवल पर इस कंपनी को बेहतर काम के लिए सम्मानित भी किया जा चुका है। उम्मीद जताई जा रही है कि इस महीने के अंत तक कंपनी से एग्रीमेंट होने के साठ दिनों के अंदर कंपनी शहर के साठ वार्ड में कूड़ा उठान शुरू कर देगी। कंपनी को निगम की ओर से 1206 रुपए प्रति टन के लिहाज से टिपिंग फीस दी जाएगी।

 

वर्तमान सूरतेहाल
नगर निगम के पास वर्तमान में 60 वार्ड के लिए 75 टाटा ऐस गाडिय़ां हैं। इनमें से 25 गाडिय़ां खराब खड़ी हैं। ऐसे में 50 गाड़ियों के माध्यम से कूड़ा उठान किया जा रहा है। इसके अलावा दस ट्रक, 2 कांपेक्टर, 2 हाईवा और दो छोटे हाईवा निगम के पास उपलब्ध हैं। कंपनी के काम शुरू करने की स्थिति में कंपनी को वाहनों के बेड़े को बढ़ाना होगा। निगम की ओर से शुरूआत में कंपनी को एकमुश्त तीन करोड़ की धनराशि प्रदान की जाएगी। 

 

कर्मचारियों के भविष्य पर संशय
दून वैली वेस्ट मैनेजमेंट के लिए काम करते रहे करीब ढ़ाई सौ कर्मचारियों को वर्ष 2014 में नगर निगम ने अपने अंडर में ले लिया था। तब से एक आउटसोर्सिंग कंपनी के माध्यम से निगम इनको वेतन भुगतान कर रहा है। हालांकि नई कंपनी को टेंडर करने के बाद भी अभी यह तय नहीं है कि यह कर्मचारी भविष्य में कंपनी के साथ काम करेंगे या इन्हें बाहर का रास्ता दिखा दिया जाएगा। निगम अधिकारियों का कहना है कि अगर कंपनी चाहे तो इन्हें ले सकती है लेकिन निगम इसमें हस्तक्षेप नहीं करेगा।

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